झांसी से लखनऊ लौट रहे डीजीपी चार घंटे कानपुर में रुके, जानिए- अधीनस्थों से गुपचुप क्या कर गए मंत्रणा
झांसी से लखनऊ लौटते समय यूपी के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने कानपुर मंडल और कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों के साथ करीब चार घंटे तक बैठक की और विधानसभा चुनाव सकुशल कराने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए।
कानपुर, जेएनएन। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल ने रविवार देर शाम कानपुर मंडल और कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों से कहा कि विधानसभा चुनाव सकुशल कराने के लिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें। इसके लिए अभी से जुट जाएं।
डीजीपी ने रविवार को झांसी मंडल की समीक्षा झांसी में की थी। वहां से लौटते समय वह एडीजी कानपुर जोन भानु भाष्कर के कैंप कार्यालय पहुंचे। यहां कानपुर मंडल और कमिश्नरेट के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। एडीजी ने बताया कि डीजीपी ने प्रमुख रूप से विधानसभा चुनावों को लेकर पुलिस की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने असामाजिक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई बढ़ाने को कहा है, ताकि चुनाव में कोई बाधा नहीं आए। इसके अलावा एनएसए, गैंगस्टर व गुंडा एक्ट की कार्रवाई और तेज करने के निर्देश दिए हैं। अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया को और अधिक बढ़ाने को कहा है। महिला अपराध और उनमें हुई कार्रवाई का ब्योरा भी देखा। इसके अलावा साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को लेकर क्राइम ब्रांच व विशेषकर साइबर क्राइम विंग को और अधिक मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने को कहा। इस मौके पर एडीजी भानु भाष्कर, आइजी मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी व आकाश कुलहरि, डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार, डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति, डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी, एसपी कानपुर आउटर अष्टभुजा प्रसाद व अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
अनुशासनहीन पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई : डीजीपी ने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई हो। पहले ही अनुशासनहीनता में दंड पा चुके पुलिस कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़े तो हिचकें नहीं। सख्ती के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यातायात व्यवस्था को सराहा : डीजीपी ने इस मौके पर शहर की यातायात व्यवस्था की सराहना की। उन्हें बताया गया कि प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक लाइट, आटोमेटिक सिग्नलिंग, स्मार्ट पार्किंग और स्मार्ट चौराहों के माध्यम से यह बदलाव आया है। जाम की समस्या भी कम हुई है। धीरे-धीरे यातायात व्यवस्था को तकनीक आधारित कर दिया जाएगा।