Move to Jagran APP

यूपी चुनाव 2022: कानपुर में दलों के इर्द-गिर्द घूमी सियासत, कभी निर्दलीय नहीं बन सके विधायक

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 कानपुर की विधानसभा सीटों पर 1977 से आज तक चुनाव में गली निर्दलीय उम्मीदवारों की दाल नहीं गल सकी और सपा बसपा कांग्रेस और भाजपा के इर्द-गिर्द ही जिले की राजनीति घूमती रही ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 09:42 AM (IST)
यूपी चुनाव 2022: कानपुर में दलों के इर्द-गिर्द घूमी सियासत, कभी निर्दलीय नहीं बन सके विधायक
कानपुर की विधानसभा सीटों पर चुनावी फ्लैश बैक।

कानपुर, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव में निर्दलीय राजनीति जिले की जनता को रास नहीं आती। यहां की सियासत हमेशा विभिन्न राजनीतिक दलों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही। यही वजह रही कि यहां 1977 से आज तक कभी किसी निर्दलीय की दाल नहीं गली। पिछले कुछ चुनावों का हाल देखें तो सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस की ही यहां धमक रही। जदयू, एनसीपी और शिवसेना ने भी चुनावी ताक ठोंकी लेकिन इन पार्टियों के उम्मीदवारों की स्थिति निर्दलीय प्रत्याशियों जैसी ही रही। 2012 और 2017 के चुनाव में कांग्रेस को एक-एक सीट मिल भी गई, बसपा का तो खाता भी नहीं खुला।

loksabha election banner

जिले में निर्दलीयों ने विधायक बनने की भरपूर कोशिश की, लेकिन कभी सफलता नहीं मिली। उन्हें इतना भी वोट नहीं मिला कि वे निकटतम प्रतिद्वंद्वी की श्रेणी में आ पाते। 1977 में जनता पार्टी की लहर में सभी दलों की हवा निकल गई, जबकि 1980 में कांग्रेस की आंधी चली। 1989 में जनता दल की लहर थी। इसमें तो किसी निर्दलीय के जीतने का सवाल ही नहीं था। इन चुनावों में भी निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे जरूर, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख सके। 1985 के चुनाव में भी किसी निर्दलीय की दाल नहीं गली।

1991 में भाजपा की लहर रही। 2007 के चुनाव में चौबेपुर, बिल्हौर और घाटमपुर सीट जीतने वाली बसपा को तो 2012 और 2017 में सभी 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2012 में कल्याणपुर, बिल्हौर, सीसामऊ, बिठूर और घाटमपुर सीट जीतने वाली सपा भी 2017 में सिर्फ दो सीटें जीत सकी। इस चुनावों में निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवारों को इतना भी वोट नहीं मिला कि अपनी जमानत ही बचा पाते।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.