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यूपी चुनाव 2022: गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल नाराज, बोलीं- सोनिया कहेंगी तो दे दूंगी कांग्रेस से इस्तीफा

चित्रकूट से टिकट नहीं मिलने से नाराज गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल ने कांगेस प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने विपक्षियों से मिलने वाले को टिकट दिए जाने की बात कहते हुए कांग्रेस प्रत्याशी का प्रचार न करने का मन बनाया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 01:57 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 01:57 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल नाराज, बोलीं- सोनिया कहेंगी तो दे दूंगी कांग्रेस से इस्तीफा
चित्रकूट में संपत पाल की नाराजगी सामने आई।

चित्रकूट, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव UP Vidhan Sabha Chunav News 2022 में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने अभी प्रत्याशियों की पहली सूची ही जारी की है, जिसे लेकर आक्रोश भी सतह पर आना शुरू हो गया है। चित्रकूट से टिकट कटने से नाराज गुलाबी गैंग कमांडर व कांग्रेस प्रदेश महामंत्री संपत पाल ने प्रत्याशी का प्रचार नहीं करने का एलान किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी अगर वह कहेंगी तो वह इस्तीफा भी दे देंगी।

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संपत पाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी पदाधिकारी ने बिकाऊ प्रत्याशियों को उतारा है। जिसका वह विरोध मीडिया में करती रहेंगी। जबतक सोनिया, राहुल या प्रियंका वाड्रा गांधी नहीं मिलते हैं तबतक शांत घर में बैठेंगी और गुलाबी गैंग को चलाएंगी। कांग्रेस और उसके प्रत्याशी से कोई मतलब नहीं रखेंगी। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी और अगर वह कहेंगी तो इस्तीफा भी दे देंगी।

गुलाबी गैंग कमांडर संपतपाल ने फोन में बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष पर आरोप लगाए, कहा- जो प्रत्याशी उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में बिक गया था, उसे टिकट दिया गया है। उन्हें वर्ष 2017 में पार्टी ने मानिकपुर सीट से टिकट दिया था तब समाजवादी पार्टी के गठबंधन था। लेकिन, गठबंधन के लोगों ने विरोध किया था, इसके बाद भी 42 हजार से अधिक वोट हासिल किया था, जो उनका खुद का वोट था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के मानिकपुर उपचुनाव में रंजना बरातीलाल पांडेय को टिकट दिया था, जो भाजपा से मिल गईं। वह सिर्फ साढ़े सात हजार वोट में सिमट गई थी। रंजना को फिर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया और उसमें मात्र 1700 वोट ही हासिल कर सकीं। ऐसे लोगों को प्रत्याशी बनाने से पार्टी का भला होने वाला नहीं है। किसी और को टिकट दिया जाता तो कोई गुरेज नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया वह अभी कांग्रेस में ही हैं लेकिन प्रचार में नहीं जाएंगी वरना आरोप लगेगा कि हरवा दिया।


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