यूपी बोर्ड परिणाम में गड़बड़ झाला-पढ़ें, कैसे सामने आया मार्कशीट में अंकों का झोल Kanpur News
हाईकोर्ट में गुहार लगाने के बाद सामने आई सचाई अब दुखी कई और छात्र भी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
कानपुर, जेएनएन। रिकार्ड 16 दिनों में परीक्षा और फटाफट परिणाम जारी करके वाहवाही बटोरने वाले यूपी बोर्ड ने तमाम विद्यार्थियों का गुणा-गणित बिगाड़ दिया है। इसकी पोल खुली हाईस्कूल के एक छात्र के जंग छेडऩे से। उसे गणित में सिर्फ 23 अंक ही मिले थे। यकीन न होने पर उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कॉपी देखी तो 68 अंक दर्ज मिले और अंग्रेजी के अंकों में भी झोल मिला। अब बोर्ड ने गलती मानते हुए दूसरी मार्कशीट देने की बात कही है। कॉपी जांचने और अंकों को मार्कशीट में दर्ज करने में गंभीर लापरवाही देखकर कई दूसरे छात्र भी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैैं।
मेधावी छात्र हो गया था निराश
यूपी बोर्ड ने यह खिलवाड़ किया है, सरदार पटेल इंटर कॉलेज के छात्र आशुतोष मिश्रा के साथ। जिरौली में रहने वाले रामशंकर का बेटा आशुतोष शुरू से ही मेधावी है। हाईस्कूल में भी उसे अच्छे दिनों की उम्मीद थी, लेकिन नतीजा देखकर होश उड़ गए। बाकी विषयों में तो 90 फीसद या ज्यादा अंक थे, लेकिन गणित में उसे सिर्फ 23 ही मिले। उसे यकीन था कि शायद ही कोई सवाल गलत हुआ हो। अंग्रेजी में भी उसे कुछ ठीक न लगा।
हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
आशुतोष के पिता ने कॉलेज के डायरेक्टर अरुण पटेल से बात की और कॉपी की छायाप्रति पाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दी। दो जुलाई को कोर्ट ने दोनों की कॉपी दिखाने का आदेश दिया। कॉपी देखते ही आशुतोष की बांछें खिल गईं। इसके पहले ही पेज पर 70 में से 68 नंबर लिखे थे। दो अंकों का जो सवाल परीक्षक ने गलत किया था, वह भी सही निकला। अंग्रेजी में भी कॉपी में कम अंक दर्ज थे, लेकिन अंकपत्र में 50 दिए गए थे। अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर जोड़े तो कॉपी में 51.50 निकले। कॉलेज के डायरेक्टर अरुण पटेल कहते हैैं कि एक कॉपी ने बोर्ड की शुचिता पर सवाल खड़े कर दिए हैैं। अपनी जीत देखकर कई दूसरे छात्र भी अंकों की जांच की बात कर रहे हैैं।
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