उन्नाव में एटीएस की तीन घुसपैठियों और एक स्लीपर सेल पर निगाह, जल्द छापेमारी करने आएगी टीम
स्लीपर सेल शहर में 18 साल से है। 2011 से औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदारी कर रहा है। बंगाल और नेपाल से लाकर 80 लोगों को काम दिला चुका है। पैन कार्ड में इसकी जन्म तिथि तीन मई 1991 दर्ज है।
उन्नाव, जेएनएन। रोहिंग्या शाहिद की गिरफ्तारी के बाद जिले में तीन और घुसपैठिये निशाने पर आए हैं। साथ ही आवास विकास में रहने वाले एक स्लीपर सेल पर भी निगाह है। स्लीपर सेल का कनेक्शन बांग्लादेश से भी है। इसे औद्योगिक क्षेत्र के ठेकेदारों ने शहर में ठिकाना दिया था।
नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिये जिले में किरायेदारी के 'बंकरÓ में छिपे हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में स्लाटर हाउस और चर्म उद्योगों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं। खुफिया विभाग ने पूरी जानकारी जुटाकर रिपोर्ट लखनऊ में एटीएस को भेजी है। एटीएस जल्द ही यहां फिर छापेमारी कर सकती है।
18 साल से शहर में है स्लीपर सेल: स्लीपर सेल शहर में 18 साल से है। 2011 से औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदारी कर रहा है। बंगाल और नेपाल से लाकर 80 लोगों को काम दिला चुका है। पैन कार्ड में इसकी जन्म तिथि तीन मई 1991 दर्ज है। ड्राइविंग लाइसेंस 30 नवंबर 2016 को जारी हुआ है। आधार कार्ड पश्चिम बंगाल का बना हुआ है। उसके देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी खुफिया को मिली है। वह अरबाड़ा खासलपुर मालदा पश्चिम बंगाल का मूल निवासी है। तीन साल पहले उसने आवास-विकास में मकान भी खरीद लिया है।