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दुर्गम स्थानों पर भी सेना को आसानी से राशन व दवाएं पहुंचा देंगे मानवरहित यान Kanpur News

आइआइटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने बनाए दो हेलीकॉप्टर मानव संसाधन विकास मंत्री ने यान को अंतरिक सुरक्षा के लिए मददगार बताया।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:48 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 09:40 AM (IST)
दुर्गम स्थानों पर भी सेना को आसानी से राशन व दवाएं पहुंचा देंगे मानवरहित यान Kanpur News
दुर्गम स्थानों पर भी सेना को आसानी से राशन व दवाएं पहुंचा देंगे मानवरहित यान Kanpur News

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। दूर और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सेना के जवानों तक राशन और दवाइयां पहुुंचाना बड़ी चुनौती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के एयरोस्पेस  इंजीनियरिंग विभाग ने अब इसका हल निकाल लिया है। यहां के विशेषज्ञों ने ऐसे दो मानव रहित यान बनाए हैं, जो किसी भी दुर्गम स्थान में उड़ान भरने में सक्षम हैं। ये अपने साथ राशन-दवाइयां भी ले जा सकते हैं। मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर इन दोनों हेलीकॉप्टरों को आंतरिक सुरक्षा के लिए मददगार बताया। भारतीय सेना ने भी इन्हें अपने बेड़े में शामिल करने की इच्छा जताई है।

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दस किलो वजन तक भेजा जा सकता सामान

ये हेलीकॉप्टर एयरोस्पेस  इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. अभिषेक व डॉ. मंगल कोठारी के निर्देश में पीएचडी व रिसर्च स्कॉलर छात्रों ने बनाए हैं। डॉ. अभिषेक ने बताया कि एक मानव रहित हेलीकॉप्टर बड़ा और दूसरा छोटा है। दोनों में कैमरा, सेंसर, सर्विलांस सिस्टम है। इसमें क्रमश: 6.0 हार्स पावर व छोटे में 3.2 हार्स पावर का इंजन लगाया गया है। ये पेट्रोल से उड़ान भरने में सक्षम हैं। एक में पांच लीटर और दूसरे में ढाई लीटर का टैंक है। बड़े हेलीकॉप्टर में दो रोटार हैं। इसे रिमोट के सहारे उड़ाकर किसी भी स्थिति-स्थान पर दस किलो वजन तक राशन, दवाइयां व अन्य सामान पहुंचाया जा सकता है।

वहीं दूसरे में एक रोटार है जिसकी क्षमता आधी है। हालांकि इसका इस्तेमाल सर्विलांस के लिए भी किया जा सकता है। ये किसी भी क्षेत्र में संदिग्ध उडऩे वाले वजन के ड्रोन को कैप्चर भी कर सकते हैं। खास बात ये है कि सामान्य ड्रोन की अपेक्षा में ये दोनों हेलीकॉप्टर छह गुना अधिक समय तक हवा में रह सकते हैं। आइआइटी की एयर स्ट्रिप के अलावा लद्दाख और पोखरण में इनका सफल परीक्षण किया जा चुका है। मानवरहित यान बनाने वाले छात्रों ने इसे अधिक संख्या में बनाने के लिए एंड्योर एयर सिस्टम नाम की स्टार्टअप कंपनी भी बनाई है।

अभी तक आधा घंटा उड़ सकते थे ड्रोन

डॉ. अभिषेक ने बताया कि अभी तक बनने वाले ड्रोन व मानवरहित यान अधिकतम आधा घंटे तक उड़ सकते थे, क्योंकि ये बैटरी चालित थे। पहली बार पेट्रोल से चलने वाले यह दोनों मानव रहित यान तीन घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम हैं।  


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