कन्नौज के सुरस केन्द्र का कमाल, वायरस और बैक्टीरिया का करेगा खात्मा और फूड प्वाइजनिंग से बचाएगा आयल
सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) ने ऐसा एसेंशियल आयल बनाया है जो फूड प्वाइजनिंग का कारण बनने वाले विषाणुओं-जीवाणुओं (वायसर और बैक्टीरिया) का खात्मा करने में सक्षम है। इस तेल के इस्तेमाल के बाद लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार न हो पाएंगे।
कन्नौज, (प्रशांत कुमार)। खुले असुरक्षित आहार से लोग कई बार फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। इससे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग और गर्भवती ज्यादा प्रभावित होती हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) ने ऐसा एसेंशियल आयल बनाया है, जो फूड प्वाइजनिंग का कारण बनने वाले विषाणुओं-जीवाणुओं (वायसर और बैक्टीरिया) का खात्मा करने में सक्षम है।
एफएफडीसी के प्रबंध निदेशक डा. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फूड पैकेजिंग के निदेशक डा. तनवीर आलम से इस पर विमर्श के बाद विषाणुओं और जीवाणुओं पर अध्ययन किया। इसमें फूड प्वाइजनिंग की वजह बनने वाले कैंपिलोबैक्टर, क्लोस्ट्रीडियम, स्टेफिलोकोकस आरियस, बैसिलस, साल्मोनेला जैसे विषाणु और जीवाणु सामने आए। इसके बाद उन पर प्राकृतिक तेल का प्रयोग किया। सात ऐसे एसेंशियल आयल मिले, जो इन्हें खत्म करने में सफल रहे। इन सभी को मिलाकर एक आयल बनेगा, जिसे खाने में भी प्रयोग किया जा सकेगा।
ऐसे काम करेगा आयल: डा. शुक्ला ने बताया कि खाना पैक करते समय उसके ऊपर पैक्टीन (फलों से निकलने वाले चिपचिपे तरल द्रव्य से निर्मित) की झिल्ली लगाई जाएगी। इस झिल्ली में यह आयल लगाया जाएगा, जिससे विषाणु पैदा नहीं होंगे। जो विषाणु खाने में होंगे, वे भी खत्म हो जाएंगे। इस आयल को खाने में भी प्रयोग किया जा सकेगा।
फूड प्वाइजनिंग के कारण
- बाहर का खाना स्वच्छता से न बना हो
- बासी परोसा गया हो
- पकाने से पहले सब्जियां ठीक से न धोई गई हों
- खाना बनाते समय गुणवत्तायुक्त सामान का इस्तेमाल न किया गया हो
- रास्ते में लगी दुकानों में खाने की चीजों को ढककर न रखा गया हो
- लंबे समय तक घर में इस्तेमाल होने वाले पानी की टंकी की सफाई नहीं हुई हो
इनके आयल कारगर
- अजवायन के फूल
- तुलसी
- सेट्रोनेला
- लौंग
- पुदीना
- नींबू
- यूजेनाल (यूजेनाल एक कार्बनिक कंपाउंड है। इसका उपयोग इत्र, फ्लेवरिंग और आवश्यक तेलों में किया जाता है। ये एंटीसेप्टिक और संवेदनाहारी के रूप में भी काम आता है)
बोले जिम्मेदार: लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार न हों, इस पर काम किया और सफलता मिली। प्रोजेक्ट तैयार है। इसे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फूड पैकेजिंग के निदेशक को जल्द भेजा जाएगा। जल्द ही इस पर मुहर लगेगी और यह प्रयोग होगा। -डा. शक्ति विनय शुक्ला, प्रबंध निदेशक, एफएफडीसी
- एफएफडीसी के प्रबंध निदेशक ने बताया था कि कुछ एसेंशियल आयल हैं, जिनमें वो गुण पाए जाते हैं जिनके कारण फूड प्वाइजनिंग नहीं होती। क्यों न इसका प्रयोग पैकेजिंग में किया जाए। जब वह पैकेजिंग फूड में प्रयोग होगी तो लाभ मिलेगा। इस पर वह काम कर रहे हैं। प्रोजेक्ट आते ही इसका प्रयोग करेंगे। -डा.तनवीर आलम, डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फूड पैकेजिंग