चाचा नेहरू अस्पताल बना सोडियम लाइटों का स्टोर रूम, कमरों में भरा सामान
जासं कानपुर बच्चों के इलाज के लिए पहचाने जाने वाला चाचा नेहरू अस्पताल फिलहाल सोडियम लाइट का स्टोर रुम बना दिया है।
जासं, कानपुर : बच्चों के इलाज के लिए पहचाने जाने वाला चाचा नेहरू अस्पताल फिलहाल सोडियम लाइट रखने का स्टोर रूम बनकर रह गया है। कमरे सामान से भरे पड़े है और टूटे बेड व अन्य सामान रखा हुआ है। यह स्थिति खुद महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी और अन्य अफसरों के साथ सोमवार को निरीक्षण के दौरान देखी।
तीसरी लहर को देखते हुए महापौर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चाचा नेहरू अस्पताल और जागेश्वर अस्पताल गोविद नगर को बच्चों के लिए कोविड अस्पताल बनाने की बात की है। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव मांगा है। इसको लेकर महापौर नगर आयुक्त के साथ चाचा नेहरू अस्पताल को देखा। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सभी कमरें अस्त-व्यस्त पाए गए, किसी कमरे में सामान भरा हुआ पाया गया, तो कही पर पुरानी फाइलें, निष्प्रयोज्य सामान पड़ा हुआ मिला। महापौर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को आदेश दिए कि कमरों में जो भी चिकित्सीय सामान हो, उसकी सूची बना ली जाए। मंगलवार को रिपोर्ट दीं। मार्ग प्रकाश की लाइटों काफी संख्या में कमरों में भरी हुई मिली। नगर आयुक्त ने कहा कि इसकी सूची बनाकर तीन दिन के फाइल नीलामी के लिए प्रस्तुत करे। मुख्य अभियंता (सिविल) को आदेश दिए कि अस्पताल का भूतल व प्रथम तल का नक्शा तैयार मंगलवार को दोपहर तक उपलब्ध कराए। इस दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी को आदेश दिए कि अस्पताल के संचालन के लिए विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं से वार्ता कर कार्यवाही प्रस्तुत करें अथवा नगर निगम द्वारा स्वयं संचालन पर क्या-क्या कार्यवाही की जा सकती है, इसकी रिपोर्ट दें। जीणोद्धार के लिए एक कंसल्टेंट की नियुक्ति भी की जाएगी। जो अस्पताल ज्यादा शुल्क लेंगे उन पर होगा मुकदमा : डीएम, कानपुर : डीएम आलोक तिवारी ने कोरोना का उपचार करने के लिए अधिकृत एसपीएम व एसआइएस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही उपचार करें अगर ज्यादा शुल्क लिया तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने फैमिली हॉस्पिटल और कृष्णा हॉस्पिटल के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे की जानकारी भी ली। उन्होंने मरीजों से कहा कि अगर उनसे ज्यादा पैसे लिए जाएं तो तत्काल स्टैटिक मजिस्ट्रेट को बताएं ताकि अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। उधर डीएम ने निजी अस्पताल संचालकों से अपील की है कि वे अपने अस्पताल में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएं ताकि मरीजों के उपचार में आक्सीजन की कमी न हो। डीएम ने कहा कि कोरोना की प्रथम व द्वितीय वेब के दौरान यह देखा गया कि मरीजों के लिए आक्सीजन की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण आवश्यकता रही है। अत वे अपने यहां आक्सीजन कंसंट्रेटर और आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएं। कोरोना से न डरें और न घबराएं, समस्या का समाधान पाएं, कानपुर : कोरोना महामारी से उपजे हालात से डर और भय का माहौल है। कोरोना संक्रमण की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। अस्पतालों में भर्ती रहे मरीजों की मनोदशा प्रभावित हुई है। कोरोना से उबरे लोग बड़ी संख्या में मनोविकार, अवसाद एवं अन्य मानसिक समस्याओं को लेकर मनोचिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में तेजी से बढ़ती मनोरोग से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी सेंट्रल जोन ने पहल की है। राष्ट्रीय स्तर पर वेबसाइट तैयार कराई है, जिसे लांच करने की तैयारी है। इस वेबसाइट के माध्यम से मनोरोग से जुड़ी समस्याओं का मनोरोग विशेषज्ञ ऑनलाइन समाधान देंगे। सोसाइटी के सेंट्रल जोन के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के 350 मनोरोग विशेषज्ञों ने ऑनलाइन काउंसिलिग के लिए सहमति प्रदान की है। वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के बाद अपनी समस्याएं लिखकर बतानी होंगी। उसके बाद विशेषज्ञ उनका ऑनलाइन निराकरण करेंगे। आपकी सभी सूचनाएं गोपनीय रखी जाएंगी। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ अपना मोबाइल नंबर या ईमेल भी साझा करेंगे।