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UCC बैंक के 24,684 खाता धारकों को मिलेगा रूका धन, डीआइसीजीसी ने लगाई शर्त Kanpur News

वित्तीय अनियमितताओं के कारण बीते मई माह यूनाइटेड कॉमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक बंद कर दी गई है।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 09:45 AM (IST)
UCC बैंक के 24,684 खाता धारकों को मिलेगा रूका धन, डीआइसीजीसी ने लगाई शर्त Kanpur News
UCC बैंक के 24,684 खाता धारकों को मिलेगा रूका धन, डीआइसीजीसी ने लगाई शर्त Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। पांच वर्ष से परेशान यूनाइटेड कॉमर्शियल कोऑपरेटिव (यूसीसी) बैंक के खाता धारकों के लिए नया वर्ष खुशियां लेकर आया है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (डीआइसीजीसी) ने उसके 24,684 खाता धारकों का धन लौटाने की सहमति दे दी है। इनके लिए 24.75 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए हैं।

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मई 2015 में वित्तीय अनियमितताओं के चलते यूसीसी बैंक के संचालन पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद हजारों ग्र्राहकों का धन बैंक में फंस गया था। अब डीआइसीजीसी ने चंदन मार्केट पी रोड बैंक की शाखा के ग्र्राहकों का धन लौटाने के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके तहत अब 24,684 ग्र्राहकों को उनके क्लेम मिलेंगे। हालांकि डीआइसीजीसी ने अपने पत्र में साफ कहा है कि 9.73 करोड़ रुपये 15.01 करोड़ रुपये के सरप्लस लिक्विड फंड के समायोजन के बाद ही जारी किए जाएंगे।

बैंक के लिक्विडेटर अनूप कुमार के मुताबिक शहर में मैकराबर्टगंज, सिविल लाइंस और परेड शाखा की मनी मल्टीप्लायर स्कीम और डेली रिकरिंग डिपाजिट स्कीम के दावे अब भी निस्तारण के लिए डीआइसीजीसी के सामने विचाराधीन हैं। इनके भुगतान के दावों का निस्तारण डीआइसीजीसी के निर्णय के बाद ही होगा। इसलिए इन शाखाओं और योजनाओं के किसी भी ग्र्राहक का आवेदन मान्य नहीं होगा। इनके अलावा बाकी शाखाओं के ग्र्राहक पी रोड स्थित शाखा में किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से दो बजे तक आवेदन पत्र प्राप्त कर उसे भर कर दे सकते हैं।

दूसरे बैंक खाते में ही होगा भुगतान

डीआइसीजीसी ने साफ किया है कि जिन ग्र्राहकों को क्लेम का भुगतान किया जाएगा। उसे ग्र्राहक के दूसरे बैंक खाते में ही ऑनलाइन किया जाएगा ताकि किसी तरह की कोई शिकायत न रहे। इसके लिए जो फार्म दिया जाएगा, उसमें ग्र्राहक का नाम, क्लेम नंबर, कितना धन देने है, ग्र्राहक का आधार नंबर, वैकल्पिक बैंक का नाम, खाता नंबर, खाते का प्रकार, ब्रांच का नाम और आइएफएससी कोड बताना होगा। अधिकारियों के मुताबिक यह सब इसलिए मांगा जा रहा है ताकि शिकायत आने पर बताया जा सके कि किसके खाते में धन गया।


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