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एक लाख रुपये दो तो पास होगे एमडी रेडियोथेरेपी में !

- अंतिम वर्ष के जेआर ने पीएमओ को पत्र लिख जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर लगाए आरोप -

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 01:40 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 01:40 AM (IST)
एक लाख रुपये दो तो पास होगे एमडी रेडियोथेरेपी में !
एक लाख रुपये दो तो पास होगे एमडी रेडियोथेरेपी में !

जागरण संवाददाता, कानपुर : राजकीय जेके कैंसर संस्थान में इस बार सितंबर में एमडी रेडियोथेरेपी की परीक्षा होने से पहले ही अगस्त में ऐसा विवाद हुआ, जिस पर अब तक पर्दा पड़ा रहा। यहां अंतिम वर्ष के जूनियर रेजीडेंट (जेआर) ने प्रधानमंत्री कार्यालय में यह शिकायत कर सनसनी फैला दी कि उन्हें परीक्षा में पास करने के लिए एक-एक लाख रुपये मांगे जा रहे हैं। इसका सीधा आरोप संस्थान के निदेशक प्रो. एसएन प्रसाद पर लगाया, जिन्होंने करीब साल पहले ही पद संभाला है। पीएमओ को भेजा यह शिकायती पत्र दैनिक जागरण के हाथ लगा तो यह मामला खुलकर सामने आया है। जब निदेशक से इस मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने शिकायत की बात स्वीकार की, हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा, प्रदेश शासन ने रिपोर्ट मांगी थी। कमेटी से जांच करा रिपोर्ट भेज दी है। दावा किया, दो छात्रों ने शिकायती पत्र पर खुद के हस्ताक्षर न होने की बात कही है।

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संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई होती है। विभाग में हर साल चार जूनियर रेजीडेंट एमडी की पढ़ाई के लिए प्रवेश लेते हैं। इस वर्ष से शासन ने चार से बढ़ाकर एमडी की सीटें छह कर दी हैं। अंतिम वर्ष के दो जेआर की ओर से अगस्त में पीएमओ से शिकायत की। आरोप लगाया कि अंतिम वर्ष की परीक्षा होने वाली हैं। परीक्षा पास करवाने के नाम पर प्रो. एसएन प्रसाद एवं विभाग के अन्य आचार्य सामूहिक रूप से योजना बनाकर एक-एक लाख रुपये ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि रुपया परीक्षक को दिया जाएगा। पैसे देने पर ही परीक्षा में पास हो पाओगे नहीं तो फेल कर दिए जाओगे।

निदेशक प्रो. एसएन प्रसाद ने बताया कि यह किसी की साजिश है, मुझे बदनाम करने की कोशिश है। तीन सदस्यीय कमेटी डॉ. रिचा अग्रवाल, डॉ. नलिनी एवं डॉ. अद्योपंत ने इस प्रकरण की जांच की है। कमेटी के समक्ष दो जेआर डॉ. आनंद एवं डॉ. संजय आए थे। उन्होंने पत्र पर अपने हस्ताक्षर न होने की बात कही है जबकि दो ने ई-मेल के जरिए अपनी बात रखी है। कमेटी की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। आरोप बेबुनियाद एवं निराधार हैं।


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