आपदा के असुर : कानपुर में Black Fungus के नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो गिरफ्तार
एसीपी कर्नलगंज ने बताया कि पुलिस ने घेराबंदी करके मेडिकल रिप्रजेंटेटिव का काम करने वाले रतनदीप अपार्टमेंट निवासी ज्ञानेश शर्मा पुत्र गोपल शर्मा और प्रॉपर्टी डीलर का काम करने वाले के ब्लॉक यशोदा नगर निवासी प्रकाश मिश्रा पुत्र जनार्दन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।
कानपुर, जेएनएन। इन दिनों कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस पांव पसार रहा है। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह ही अब ब्लैक फंगस में कारगर लाइपोजोनल इंम्फोटोरिसिन बी इंजेक्शन भी नकली बनाए जा रहे हैं। इन नकली इंजेक्शनों को भी आपदा के असुर ब्लैक में बेच रहे थे। गुरुवार को प्रयागराज के स्वरूपरानी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की सूचना पर एसीपी कर्नलगंज की टीम ने इस गिरोह के दो आरोपितों को 68 इंजेक्शन व 1.80 लाख रुपये के साथ दबोच लिया। शुरूआती पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह कानपुर समेत प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में नकली लाइपोजोनल इंम्फोटोरिसिन बी इंजेक्शन तैयार कर बेच रहा है। कानपुर पुलिस ने संबंधित जिलों की पुलिस को इसकी सूचना दे दी है। खास बात यह है कि ब्लैक फंगस में कारगर इंजेक्शन का नकली माल उतार कर बाजार में बेचने की यह देश में दूसरी और प्रदेश में पहली घटना है।
एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि प्रयागराज के स्वरूपरानी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में सीनियर आर्थोपैडिक के पद पर तैनात डॉक्टर करन सिंह चौहान ने गुरुवार की सुबह कमिश्नरेट पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी कि कानपुर का गिरोह है, जिससे उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के इलाज के लिए लाइपोजोनल इंम्फोटोरिसिन बी इंजेक्शन की 30 वाइल 2.10 लाख रुपये में खरीदी थीं। जांच पड़ताल के बाद सामने आया कि उन्हेंं जो इंजेक्शन दिए गए थे, वह नकली हैं। इसी वजह से उनके मरीज की मृत्यु भी हो गई। इसके बाद डॉक्टर करन ने अपने एक साथी विनीत की मदद से दोबारा से गिरोह को इंजेक्शन खरीदने के लिए बुलाया, जिसे उनकी टीम ने धर दबोचा।
एसीपी कर्नलगंज ने बताया कि पुलिस ने घेराबंदी करके मेडिकल रिप्रजेंटेटिव का काम करने वाले रतनदीप अपार्टमेंट निवासी ज्ञानेश शर्मा पुत्र गोपल शर्मा और प्रॉपर्टी डीलर का काम करने वाले के ब्लॉक यशोदा नगर निवासी प्रकाश मिश्रा पुत्र जनार्दन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पास से पुलिस ने 68 नकली लाइपोजोनल इंम्फोटोरिसिन बी बरामद हुए, जो कि पूछताछ में नकली होने का पता चला है। इसके अलावा पुलिस ने डॉक्टर करन द्वारा आरोपितों को दिए गए 2.10 लाख रुपये में से 1.80 लाख रुपये बरामद भी कर लिए हैं। एसीपी ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह कानपुर समेत प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, नोएडा और बनारस में भी नकली इंजेक्शन बनाकर उसे बेचने का काम कर रहे हैं। संबंधित जिलों की पुलिस को सूचनाएं दे दी गई हैं।