महोबा में बेटी की शादी का कार्ड बांटकर घर आ रहे पिता को ट्रक ने रौंदा, मार्ग जामकर मुआवजे की मांग
कबरई कुनैहटा मार्ग पर मनीषा टाकीज के पास उसे गांव के ही हल्के धुरिया व एक अन्य युवक मिले। जिन्होंने गांव जाने के लिए उससे बाइक में बैठाने को कहा। बाइक के टायर कमजोर होने के कारण एक युवक हल्के धुरिया को साथ बैठा लिया।
कानपुर, जेएनएन। महोबा में बेटी की शादी का कार्ड बांटकर घर आ रहे पिता को ट्रक ने रौंद दिया। स्वजन व ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग कर सड़क पर जाम लगा दिया। एसडीएम, सीओ ने लोगों को आश्वासन दिया, तब कहीं जानकर तीन घंटे बाद रास्ता खुल सका।
18 जून को दी थी शादी : थाना क्षेत्र के धरौंन गांव निवासी 40 वर्षीय प्रीतम की बेटी पूनम की 18 जून को शादी तय हुई थी। सोमवार सुबह वह बाइक से शादी के कार्ड रिश्तेदारियों में देने के लिए घर से निकला था। शाम करीब चार बजे वह कार्ड बांटकर कबरई पहुंचा।
बाइक का टायर था कमजोर : कबरई कुनैहटा मार्ग पर मनीषा टाकीज के पास उसे गांव के ही हल्के धुरिया व एक अन्य युवक मिले। जिन्होंने गांव जाने के लिए उससे बाइक में बैठाने को कहा। बाइक के टायर कमजोर होने के कारण एक युवक हल्के धुरिया को साथ बैठा लिया। कस्बे से महज एक किलोमीटर दूर पंच पहाड़ी मंदिर पार करते ही ट्रक को ओवरटेक करते समय ट्रक से टक्कर लगने से बाइक फिसलकर गिर गई, जिससे पीछे बैठा हल्के धुरिया तो उछलकर दूर गिरा, प्रीतम ट्रक के पहियों की चपेट में आ गया जिसकी मौके पर ही उसकी मौत हो गई। ट्रक चालक को लोगो ने पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। मौके पर पहुंचे युवक के परिजनों व ग्रामीणों ने कबरई कुनैहटा मार्ग पर जाम लगा दिया। मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी मो आवेश व क्षेत्राधिकारी सदर रामप्रवेश राय ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इसके बाद जाम सात बजे के करीब खुल सका।
बड़ा बेटा किसी तरह घर चलाता था : ट्रक दुर्घटना में मृत प्रीतम कबरई में डंपर चलाता था। उसके पास खेती नहीं है, उसके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। बड़ा बेटा जगतदीन भी पिता का हाथ बटाने के लिए डंपर चलाने का काम करता था। पिता पुत्र ने मेहनत मजदूरी कर दूसरे नंबर की बेटी पूनम की शादी तय की थी। लॉक डाउन के चलते व बेटी की शादी की तिथि भी नजदीक होने से प्रीतम एक माह से ड्यूटी में नहीं गया था। उसकी मौत से पत्नी बतसिया का रो रोकर बुरा हाल है। बेटियों के हाथ अब कैसे पीले होंगे यह भी चिंता पूरे परिवार को सता रही है।