विदेशी पुस्तकों का हिदी में अनुवाद करें शिक्षक
विज्ञान गणित तकनीकी व इंजीनियरिग की ऐसी कई पुस्तकें विदेशी भाषा में हैं जिन्हें हिन्दी में अनुवाद करने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : विज्ञान, गणित, तकनीकी व इंजीनियरिग की ऐसी कई पुस्तकें विदेशी भाषा में हैं, जिनमें निहित ज्ञान भारतीय छात्रों तक पहुंचना चाहिए। इसका सबसे बड़ा जरिया यह है कि इन पुस्तकों का हिदी भाषा में अनुवाद किया जाए। यह काम शिक्षक कर सकते हैं। जो शिक्षक इस योग्य हैं उन्हें चाहिए कि प्रतिवर्ष एक विदेशी भाषा की पुस्तक का हिदी में अनुवाद करें। यह बातें अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय 'सीएसजेएमयू' की ओर से हुए वेबिनार में विशिष्ट वक्ता बनारस हिदू विश्वविद्यालय हिदी विभाग के प्रो. विवेकानंद उपाध्याय ने कहीं।
मातृभाषा में शिक्षण कार्य-अवसर एवं चुनौतियां विषय पर हुए वेबिनार में प्रो. उपाध्याय ने कहा कि विशेषज्ञ , अधिकारी व व्यवसायी को विदेश से बुलाया जा सकता है, लेकिन शिक्षक भारतीय भाषाई रूप के ही स्थापित करने होंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठानम के संरक्षक सचिव पद्मश्री कृष्ण शास्त्री ने कहा कि संस्कृत व हिदी दोनों भाषाओं का प्रयोग निश्चित रूप से किया जाना चाहिए। शब्दों की संरचना व ध्वनि भारतीय भाषाओें में मूलत: संस्कृत भाषा की ही है। शिक्षण कार्य में विभिन्न भारतीय भाषाओं का प्रयोग क्षेत्रवार के रूप में किया जाना चाहिए। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि भारतीय भाषा शुद्धता अभियान चलाया जाना चाहिए जिससे भाषाओं से व्यवहार में शुद्धतापूर्ण प्रयोग हो सके। वेबिनार में सीएसजेएमयू कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि भारतीय भाषाओं को अनिवार्य रूप से कार्य व्यवहार में प्रयोग किया जाना चाहिए। इस मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. संजय स्वर्णकार व कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव समेत अन्य शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।