ट्रांसफार्मर बूढ़ा था और सुरक्षा मानक फेल
जागरण संवाददाता, कानपुर: 400 केवी पनकी ट्रांसमिशन ग्रिड सब स्टेशन में जंफर टूटने से यूं ही आग नहीं ल
जागरण संवाददाता, कानपुर: 400 केवी पनकी ट्रांसमिशन ग्रिड सब स्टेशन में जंफर टूटने से यूं ही आग नहीं लग गई। एक तरफ जहां ट्रांसफार्मर बूढ़ा था वहीं दूसरी ओर ट्रांसमिशन लाइन के सिक्योरिटी सिस्टम ने काम ही नहीं किया, चाहे ग्रिड लाइन पर हो या फिर ग्रिड सब स्टेशन। 132 केवी दादानगर ट्रांसमिशन लाइन के फाल्ट का असर 220 केवी लाइन पर पड़ा। यहां का जंफर टूटा तो 400 केवी लाइन पर आए लोड ने करोड़ों का ट्रांसफार्मर जला डाला।
400 केवी ट्रांसमिशन ग्रिड और पावर ट्रांसफार्मर के अपने सुरक्षा मानक होते हैं। ट्रांसमिशन पावर कारपोरेशन के सूत्रों के अनुसार दोनों स्तर पर सुरक्षा मानकों ने काम नहीं किया। एक इंजीनियर ने बताया कि 132 केवी दादानगर ट्रांसमिशन लाइन ट्रिप होने पर 220 केवी सब स्टेशन की लाइन का जंफर टूट गया। अर्थिग ने काम नहीं किया और 400 केवी लाइन ओवरलोड हो गई। इस लाइन पर चल रहा 400 एंपियर से अधिक का लोड बढ़कर 2500-3000 एंपियर पर जा पहुंचा। 400 केवी ग्रिड सबस्टेशन के ब्रेकर इस फाल्ट को रोकते हैं लेकिन उनके खुलने के बाद भी लाइन डाउन नहीं हुई।
240 एमवीए का 38 साल पुराना ट्रांसफार्मर इतना लोड झेलने के लिए कतई तैयार नहीं था। उसके सुरक्षा मानक फाल्ट झेलने में नाकाम रहे। चैंबर किट फटी और फ्लैश ओवर के साथ ट्रांसफार्मर फाउंडेशन से नीचे गिर गया। इससे तेल बहने लगा और आग बढ़ने लगी। धमाके के साथ लाइन में हुए ब्रेकडाउन हुआ और सब स्टेशन का आटोमेटिक मल्सीफायर सिस्टम नहीं चला। जेनरेटर जलाकर सिस्टम ऑन करते, आग ने रिजवायर और मल्सीफायर पाइप लाइन को चपेट में ले लिया। इसके बाद आग को रोकने वाला कोई सिस्टम नहीं था। रविवार की शाम लगी आग के बाद सोमवार रात भी धुआं निकलता रहा। तीन सदस्यीय कमेटी बनी, करेगी रिकार्डर की जांच
ट्रांसमिशन के पावर ट्रांसफार्मर जलने के पीछे कारण तकनीकी था या फिर मानवीय चूक, इसकी जांच के लिए ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी में लखनऊ से ट्रांसमिशन के मुख्य अभियंता शेखर अग्रवाल, मेरठ से अधीक्षण अभियंता टेस्टिंग नवीन रंजन और लखनऊ कंट्रोल रूम से अधीक्षण अभियंता राजीव ढांडा शामिल हैं। कमेटी ने वहां घटना के समय मौजूद लोगों से बयान लिए। प्राथमिक जांच का डाटा जुटाया। हालांकि अभी रिकार्डर की जांच नहीं हो पाई। टीम फिर आकर रिकार्डर की जांच करेगी। इससे मिली सेकेंड यानी सेकेंड के सौवें हिस्से की रिपोर्ट मिल जाएगी। पारेषण विंग के मध्य क्षेत्र के मुख्य अभियंता अजय सिंह चौहान भी पहुंचे। यह रिपोर्ट ट्रांसमिशन निगम के निदेशक चंद्रमोहन को सौंपी जाएगी। आगरा से आएगा 315 एमवीए का ट्रांसफार्मर
कानपुर: पनकी ग्रिड स्टेशन में 240 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर के स्थान पर अब 315 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगेगा। यह ट्रांसफार्मर आगरा के 400 केवी पीलीपोखर सब स्टेशन से आएगा। इसके लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ट्रांसफार्मर करीब दस साल पुराना बताया जा रहा है। चूंकि ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ रही है इसलिए नया फाउंडेशन बनाना पड़ेगा। ऐसे में सब स्टेशन को पूरी तरह काम करने में कम से कम दो महीने लग जाएंगे। सिकंदरा से रोशन हो रहा है शहर
कानपुर: रविवार शाम हुई 400 केवी पनकी ट्रांसमिशन ग्रिड सब स्टेशन की घटना के बाद रात साढ़े नौ बजे ट्रांसमिशन से बिजली आपूर्ति सामान्य कर दी गई। यह सप्लाई कानपुर देहात के सिकंदरा 220 केवी ट्रांसमिशन सब स्टेशन के जरिये दी जा रही है। रात करीब 11 बजे तक 70 फीसद लाइन चार्ज कर ली गई थी। भौती एवं उन्नाव ट्रांसमिशन लाइन से सप्लाई जोड़ दी गई। अधिकारियों का दावा है कि मंगलवार सुबह तक सप्लाई नार्मल हो जाएगी। यह हैं प्रमुख सिक्योरिटी मानक
240 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर में आमतौर पर 23 सिक्योरिटी मानक होते हैं। इसमें प्रमुख रूप से ये सिक्योरिटी मानक अपनाए जाते हैं।
- ओवर वोल्टेज रोकने के इंतजाम
- ओवर करंट रोकने के लिए ब्रेकर
- वातावरण का तापमान उच्च होने पर सुरक्षा मानक
- कूलिंग सही रखना
- तेल को सही स्तर तक रखना
- शार्ट सर्किट को रोकना
- इंसुलेशन ब्रेक डाउन
- बुशिंग में फ्लैश ओवर
- तेल में नमी न आने देना