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सेंट्रल स्टेशन से प्यासी जा रही हैं ट्रेन, यात्रियों के सूख रहे हलक

कोच में पानी न होने की वजह से रोजाना हंगामा करते हैं यात्री।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 09:50 AM (IST)
सेंट्रल स्टेशन से प्यासी जा रही हैं ट्रेन, यात्रियों के सूख रहे हलक
सेंट्रल स्टेशन से प्यासी जा रही हैं ट्रेन, यात्रियों के सूख रहे हलक

कानपुर, जेएनएन। गर्मियों में पानी ही जीवन है। जबकि सेंट्रल रेलवे स्टेशन से यात्री ही नहीं बल्कि ट्रेनें भी प्यासी जा रही हैं। इसके पीछे बड़ा कारण मौजूदा तंत्र में कोच में पानी भरने वाले हाईडेंट में उतना प्रेशर नहीं है कि पानी के टैंक चंद मिनट में फुल हो सकें।

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सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर लगभग रोजाना कोच में पानी न होने की वजह से यात्री हंगामा करते हैं। अनुमान है कि रोजाना आधे से अधिक ट्रेनें आधा अधूरा पानी के साथ आगे बढ़ा दी जाती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होती है।

ट्रेनों में पानी भरने का अंकगणित

सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर लगभग 144 ट्रेनों में पानी भरा जाता है। ट्रेनों के एलएचबी कोच में पानी के 600-600 लीटर के तीन टैंक, जबकि आइसीएफ कोच में 454 लीटर के चार टैंक होते हैं। एक ट्रेन में पानी भरने में सौ लीटर प्रति मिनट के मानक प्रेशर के साथ टैंक भरने में आठ से दस मिनट लगता है। जबकि सेंट्रल स्टेशन पर हालात यह हैं कि वाटर हाइडेंट में प्रेशर 40 लीटर प्रति मिनट से अधिकतम 55 लीटर प्रति मिनट का ही रहता है। इस स्थिति में टैंक भरने के लिए कम से कम पंद्रह मिनट का वक्त चाहिए, जबकि अधिकांश ट्रेनों को ठहराव पांच मिनट का होता है। ऐसे में लाख कोशिशों के बावजूद ट्रेनों के टैंक पूरी तरह से भर नहीं पा रहे।

जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रहा पानी

सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास पांच पानी की टंकियां हैं, जिन्हें सात ट्यूबवेलों से भरा जाता है। दो टंकियां 1300 किलो लीटर, दो टंकियां एक-एक लाख लीटर और एक टंकी पचास हजार लीटर क्षमता की है। रोजाना यहां से 23 लाख लीटर पानी निकाला जाता है, जबकि आंकड़ों के मुताबिक अगर ट्रेनों में भी टैंक फुल किए जाएं तो 25 लाख लीटर पानी की जरूरत होगी। रेलवे स्टेशन की जरूरत को जोड़े दें तो कुल पानी की जरूरत लगभग 35 लाख लीटर है। इस कमी की वजह से कई बार सेंट्रल स्टेशन पर पानी सप्लाई ही नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से यात्री हंगामा करते हैं।

पानी के लिए हुई चेन पुलिंग की घटनाएं

6 जनवरी: कालका-हावड़ा कालका मेल

21 जनवरी:

25 जनवरी: मालदा टाउन-दिल्ली फरक्का एक्सप्रेस

6 फरवरी: बड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस

3 मार्च: गांधीग्राम-कुंभ मेला स्पेशल

27 मार्च: कानपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस

6 अप्रैल: जम्मूतवी-संबलपुर मुरी एक्सप्रेस

14 अप्रैल: सियालदाह-अजमेर एक्सप्रेस

23 अप्रैल: गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस

30 अप्रैल: हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस 

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