32 करोड़ खर्च हो गए, फिर भी हाथ के इशारे से कानपुर में रेंग रहा है यातायात
कानपुर शहर में 28 जून से ट्रैफिक लाइन में बना आइटीएमएस का कंट्रोल रूम बंद पड़ा है। चौराहों पर लगाए गए कैमरे और ट्रैफिक लाइट भी कई जगहों पर खराब हो गई हैं। चौराहे पर ट्रैफिक कर्मी ही खड़े होकर यातयात नियंत्रित करते नजर आते हैं।
कानपुर, जेएनएन। यातायात नियमों का पालन कराने में ट्रैफिक विभाग फिलहाल सक्षम नहीं है। यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने को 32 करोड़ खर्च करके यहां इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) लगाया गया था, जो 28 जून से बंद पड़ा है। इस सिस्टम के तहत लगाए गए कैमरे कहीं जले पड़े हैं तो कहीं इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है। ऐसे में यातायात नियमों का पालन करने की उम्मीद भी कैसे की जा सकती है, जब करोड़ों खर्च के बाद हाथ के इशारे से ट्रैफिक का संचालन किया जा रहा हो।
यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पांच साल पहले केडीए ने दिल्ली की कंपनी मेसर्स ओनिक्स इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड से 32 करोड़ की लागत से 68 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। सिस्टम के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी कंपनी के पास थी। इसके बाद भी आइटीएमएस सिस्टम पूरी रफ्तार से नहीं दौड़ सका। चौराहों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, पीए सिस्टम भी पूरी तरह से बंद है। यही कारण है कि शहर में यातायात भेड़चाल से चल रहा है।
विजय नगर के कैमरे खराब
आइटीएमएस सिस्टम के तहत सिर्फ दो बड़ा चौराहा और विजय नगर चौराहे पर ही ऑनलाइन चालान की व्यवस्था थी। सात माह पहले आंधी और बारिश के दौरान विजय नगर गंदा नाला चौराहे पर लगे आइटीएमएस के कैमरे फुंक गए थे, जिन्हें सात माह बाद भी नहीं बदला जा सका है।
आठ चौराहों पर पीएस सिस्टम
कंपनी की ओर से शहर के आठ चौराहों पर 32 सीसीटीवी कैमरे, बड़ा चौराहे पर 13 व विजय नगर में 13 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। बीएसएनएल की ओर से आठ चौराहों पर पीए सिस्टम व सर्विलांस लगाया गया था। बड़ा चौराहा और कारसेट चौराहे पर रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन (आरएलबीडी) लगाया गया है।
फोर्स और इच्छाशक्ति की भी है कमी
ट्रैफिक विभाग में फोर्स की कमी तो है ही, कुछ कर्मचारियों को छोड़ दें तो अन्य में इच्छाशक्ति की भी कमी नजर आती है। एक हेड कांस्टेबल मेराजुद्दीन की वीआइपी रोड कचहरी पर ड्यूटी रहती है। यहां पर पहले दिनभर लोगों को जाम से जूझना पड़ता था, लेकिन मेराजुद्दीन यहां प्रतिदिन लगन के साथ डटे रहते हैं। अब यहां जाम की स्थिति नहीं बनती। अन्य कर्मियों को भी उनसे काम करने की सीख लेनी चाहिए।
पद-नियमन-तैनाती
टीआइ-05-05
टीएसआइ-24-23
हे.कां प्रो.-0-39
हेड कां.-104-74
कांस्टेबल-562-228
म. का.-0-46
- सीमित संसाधनों में बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारियों में इच्छा शक्ति की कमी तो है। उन्हें कार्य और जिम्मेदारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। वहीं लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी दी गई है। -बसंत लाल, एसपी ट्रैफिक