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छावनी में लग रहा जाम बना नासूर, अब शुक्लागंज से नाव से कानपुर आने को मजबूर लोग

शुक्लागंज से शहर आने के दौरान छावनी क्षेत्र में लग रहे भीषण जाम से लोग परेशान हैं। अब लोग नाव पर साइकिल लादकर पुराने गंगा पुल की ओर से शहर आने को मजबूर हैं। यहां रोजाना सुबह और शाम वाहन सवार भीषण जाम में एक-एक घंटे तक फंसे रहते हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:30 AM (IST)
छावनी में लग रहा जाम बना नासूर, अब शुक्लागंज से नाव से कानपुर आने को मजबूर लोग
शुक्लागंज से नाव से कानपुर आने को मजबूर लोग।

कानपुर, जागरण संवाददाता। शुक्लागंज से शहर आने वालों के लिए नए गंगा पुल से आगे छावनी में लग रहा भीषण जाम नासूर बनता जा रहा है। हाल ये है कि रोजाना सुबह और शाम को वाहन सवार भीषण जाम में एक-एक घंटे तक फंसे रहते हैं। समय बचाने के लिए तमाम लोग अब नाव से शहर आने लगे हैं। गुरुवार को इस कदर जाम लगा कि साइकिल सवार भी नाव से ही साइकिल समेत पुराने पुल की ओर आए और फिर साइकिल से झाड़ी बाबा पड़ाव होते हुए निकल गए। 

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शुक्लागंज से कानपुर को जोड़ने वाले पुराने गंगा पुल के बंद होने के बाद से केवल नया गंगा पुल ही एकमात्र रास्ता बचा है, लेकिन इस रास्ते पर ओवरब्रिज बनवा रहे सेतु निगम के ठेकेदारों की लापरवाही ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। सर्विस लेन कम चौड़ी व खस्ताहाल होने के कारण रोजाना सुबह नौ बजे से लेकर 12 बजे तक और फिर शाम को पांच बजे से रात नौ बजे तक भीषण जाम लग रहा है। हाल ये है कि ई रिक्शा, टेंपो से दफ्तर जाने वाले एक से डेढ़ घंटे देरी से पहुंच पा रहे हैं। महिलाएं और बच्चे भी जाम में बिलबिला जाते हैं। पैदल चलने वालों के लिए भी निकलने को जगह नहीं बचती। गुरुवार सुबह 10 बजे नए पुल के कैंट साइड वाले आखिरी पिलर से लेकर स्टेटस क्लब तक इस कदर जाम लगा कि राहगीर परेशान हो गए। ई रिक्शा से कालेज जा रही छात्रा स्मिता डेढ़ घंटे बाद करीब साढ़े 11 बजे पहुंच सकी। इसी तरह जनरलगंज में कपड़े की दुकान पर काम करने वाले दिनेश शुक्ला भी करीब 12 बजे पहुंच पाए। वह भी तब जब उन्होंने जाम देखकर ई रिक्शा छोड़कर पैदल चलना मुनासिब समझा। 

वहीं जाम की स्थिति देख कुछ महिलाएं व पुरुषों ने नाव से ही गंगा पार की। इसके बाद छावनी में पुराने गंगा पुल की ओर जाकर वह ई रिक्शा से बैठकर निकले। वहां से उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में बमुश्किल पौन घंटे का वक्त लगा। हालांकि नाव वाले को गंगा पार कराने के लिए 10 रुपये देने पड़े, लेकिन उनका काफी समय बच गया। 

जाम में फंसने से अच्छा है समय बचाएं: शुक्लागंज में सीताराम कालोनी निवासी कुंती फूल माला बनाकर बेचने का काम करती हैं। फूलबाग व पनचक्की चौराहा स्थित मंडी से ही फूल लाती हैं और मंदिर में बेचती हैं। गुरुवार को भीषण जाम देख उन्होंने नाव से गंगा पार की और नाव से ही वापस लौट गईं। बोलीं कि जितनी देर जाम में फंसते, उतनी देर में वापस आकर 10 माला ज्यादा बनाकर बेच दीं। सीताराम कालोनी के ही अनूप कुमार ने बताया कि कैंट में पुल न बनने से रोजाना परेशानी होती है। आज ज्यादा जाम लगा है। इसलिए सोचा कि नाव से गंगा पार करें और देखा कि 20 मिनट में शहर पहुंच गए। अगर कैंट की ओर से जाते तो परेशान हो जाते।

क्या बोले जिम्मेदार: पुल के निर्माण का कार्य तेज कराएंगे। सर्विस लेन पर गड्ढे हैं तो वहां पैचवर्क भी कराएंगे। जल्द ही पुल के निर्माण कार्य को देखने जाऊंगा। इस समस्या का समाधान त्वरित हो यह इसका प्रयास किया जाएगा।- विशाख जी अय्यर, डीएम

क्या बोले जिम्मेदार: पुल निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो और सर्विस लेन भी बने इसके लिए सेतु निगम के महाप्रबंधक को निर्देशित किया था। मौके पर जाकर कार्य देखूंगा। जाम की समस्या का समाधान कराऊंगा। सर्विस रोड भी बनेगी।- सत्यदेव पचौरी, सांसद 


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