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चित्रकूट : सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार, हाईकोर्ट की फटकार के बाद हुई कार्रवाई

बहिलपुरवा थानाक्षेत्र के एकगांव में 22 अगस्त 2020 की रात 17 वर्षीय नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था। पुलिस ने मामला आत्महत्या का बताया था जबकि पीड़ित परिवार दुष्कर्म व हत्या की बात कह रहा था।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:13 PM (IST)
चित्रकूट : सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार, हाईकोर्ट की फटकार के बाद हुई कार्रवाई
हाई कोर्ट में महानिदेशक को तलब किए जानेे पर सीबीसीआइडी सक्रिय।

चित्रकूट, जागरण संवाददाता। बहिलपुरवा थानांतर्गत किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में तीनों नामजद आरोपितों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। हाई कोर्ट में क्राइम-ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CBCID) के महानिदेशक को तलब किए जाने के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। मामले में हाई कोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी समेत सात को आरोपित बनाया था।   

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सीबीसीआइडी के उप निरीक्षक हरिनंदन सिंह और बिहागड़ सिंह मंगलवार दोपहर चित्रकूट पहुंचे। जिले के सेमरदहा निवासी सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के आरोपित लवकुश पुत्र हेमराज, लालमन पुत्र मूलचंद्र, सोनू पुत्र मैकू लाल को गिरफ्तार कर लिया। बहिलपुरवा थाना प्रभारी रजोला नागर ने इसकी पुष्टि की।

उल्लेखनीय है कि बहिलपुरवा थानाक्षेत्र के एकगांव में 22 अगस्त, 2020 की रात 17 वर्षीय नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था। पुलिस ने मामला आत्महत्या का बताया था, जबकि पीड़ित परिवार दुष्कर्म व हत्या की बात कह रहा था, लेकिन पुलिस ने अनसुनी की थी। इस पर पीड़ित परिवार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली थी। हाई कोर्ट ने लापरवाह पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूरे मामले में लापरवाही बरतने के आरोपित तत्कालीन थाना प्रभारी सहित सात के खिलाफ जांच सीबीसीआइडी को सौंपी थी। साथ ही प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। 10 माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट कोर्ट में नहीं पेश की गई। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र व न्यायमूर्ति दीपक की खंडपीठ ने याची की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। याची का कहना है कि पुलिस सुन नहीं रही थी तो पहले स्थानीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपर सत्र न्यायाधीश ने तत्कालीन थाना प्रभारी पंकज पांडेय, आरोपित सोनू, लवकुश, लालमन व तीन अज्ञात के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए थे। याची के अधिवक्ता आरपीएल श्रीवास्तव ने बताया कि सैंपल लेकर टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा गया था, जिसमें मृतका के कपड़े में सीमेंस की पुष्टि हुई थी। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।      


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