#Positive India: जिन्हें साथ बिठाने से कतराते है आज वो अपनी चिंता छोड़ भर रहा गरीबों का पेट
लॉकडाउन में आर्थिक तंगी से जूझ रहा कानपुर का किन्नर समाज भी सामुदायिक रसोई में मददगार बना है और गरीबों को चावल-दाल भी बांट रहा है।
कानपुर, जेएनएन। थर्ड जेंडर, जिनसे आज भी लोग साथ बिठाने और बात करने से कतराते हैं, संकट की इस घड़ी में आज वो भी खुद की चिंता छोड़कर उस समाज की मदद में आगे आया है। लॉकडाउन शुरू होने के बाद कोराना वायरस से जंग के लिए छोटे से लेकर बड़े तक मदद के लिए आगे आए हैं और प्रशासन को आर्थिक मदद सौंपी है। बच्चों ने अगर गुल्लक के रुपये दान किए हैं तो बड़ों ने भी राहत कोष भरने में योगदान किया है। इन सबके बीच र्थड जेंडर ने भी भूखे गरीबों का पेट भरने के लिए अपनी जमा पूंजी तक दान कर दी है।
लॉकडाउन में मददगार की तरह खड़ा हुआ किन्नर समाज
किसी की शादी हो या घर में बच्चे का जन्म, बधाइयां गाते हुए किन्नर समाज के लोग पहुंच ही जाते हैं। नेग के लिए जिद करने वाले किन्नर समाज कोरोना संकट के काल में एक अलग ही रूप में हैं। दान के रूप में उन्हें जो भी मिला, उसे लोगों की भूख मिटाने के लिए खुले दिल से बांट रहे हैं। मसवानपुर के मंगला मुखी किन्नर समाज अभी तक लोगों की खुशी में शामिल हो रहे थे, तो अब लॉकडाउन में मददगार की तरह साथ खड़े हैं। उनका एक ही उद्देश्य है कि पड़ोस में कोई भी भूखा न रहे।
सामुदायिक रसोई के लिए दी जमा पूंजी
दूसरों की खुशियों में ढोलक लेकर ताली बजाते, नाचते गाते घरों में बधाई लेने वाला किन्नर समाज भी लॉकडाउन के दिनों खुद भी आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है। एक प्रमुख के लिए कुनबे में रहने वाले किन्नरों के खाने से लेकर पूरी देखभाल की जिम्मेदारी होती है। लॉकडाउन में खुद के कुनबे की चिंता न करते हुए मसवानपुर मंगलामुखी गद्दी प्रमुख मंजू कपूर ने केशवपुरम में सामुदायिक रसोई शुरू करने के लिए दो लाख रुपये व अन्य सामान दिया है।
हम कौन सा अपना दे रहे हैं, उन्हीं का तो है सब
मंगला मुखी गद्दी प्रमुख किन्नर मंजू कपूर कहती हैं हम कौन सा अपना दे रहे हैं, ये उन्हीं का तो है। दान की चीज जरूरतमंदों के साथ बांट कर ही खाना चाहिए। लाकडाउन के चलते इस समय मंगल कार्य पूरी तरह बंद है, जिससे उनका समाज भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। सुबह हम सभी जल्द से जल्द इस महामारी के खत्म होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। किन्नर नेहा तिवारी कहती हैं कि गरीबों के लिए ये बड़ा मुश्किल का समय है। हमने पूरी कोशिश की है कि नियमों के दायरे में सब रहें ताकि संक्रमण ना फैले। किन्नर मन्नत कपूर से पूछा कि खुद के कुनबे के लिए चावल-दाल बचाकर रखने के बजाय बांट रही हैं, अागे अपने खाने के लिए कहां से लाएंगी। इसपर उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि हम फिर और लोगों से मांग लेंगे। आस-पास लोग भूखे पेट रहें और हम दाल चावल जमा करके रखें, हम अपनी आत्मा पर यह बोझ नहीं रख सकते हैं।