कानपुर में भी हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात
दिल्ली की तरह कानपुर में भी हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। हानिकारक गैसों का स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। हवा की खराब हालत हर सांस पर भारी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : दिल्ली की तरह कानपुर में भी हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। हानिकारक गैसों का स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। हवा की खराब हालत हर सांस पर भारी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक मानक से करीब सात गुणा अधिक हो गया है। सुबह और शाम के समय स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। सड़कों पर धुंध संग मिलकर धूल, धुआं और गर्द की चादर फैल जाती है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए स्कूल-कॉलेज पांच नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। साथ ही निर्माण पर रोक लगा दी गई है। कुछ ऐसा ही खतरे का अंदेशा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेहरू नगर स्थित मॉनिटरिग स्टेशन की रिपोर्ट जता रही है। गैसों का घनत्व वायुमंडल के सबसे निचली परत पर बढ़ता ही जा रहा है। तापमान के गिरने पर हालात बद से बदतर हो सकते हैं। कोहरे के दस्तक देते ही स्मॉग की स्थिति बन जाएगी।
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत प्रमुख चौराहों पर लगे प्रदूषण मापक यंत्रों की ऑनलाइन रिपोर्ट भी वातावरण की बिगड़ी सेहत की ओर इशारा कर रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एडवाइजरी पर कोई काम नहीं हुआ है। वाहनों की बेढंगी चाल और सड़कों में लगने वाला जाम नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू) और सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू) के स्तर में इजाफा कर रहा है।
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छठवां सबसे प्रदूषित शहर कानपुर
शुक्रवार को कानपुर प्रदेश का छठवां और देश का 20वां सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। सबसे ऊपर नोएडा है।
शहर वायु गुणवत्ता सूचकांक
नोएडा 499
गाजियाबाद 496
ग्रेटर नोएडा 496
हापुड़ 472
बागपत 465
मेरठ 410
कानपुर 403
(आंकड़े शाम चार बजे के हैं।)
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अन्य गैसों की स्थिति
गैसें मात्रा मानक
एनओटू 137 80
एसओटू 95 80