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कोरोना काल में परिवार की सामूहिक देखभाल में काम आ सकती हैं ये आदतें...

कानपुर के स्वास्थ्य आयाम-सेवा भारती के वरिष्ठ चिकित्सक तथा अध्यक्ष डॉ. राम आश्रय साहु ने बताया कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका हर किसी को घेरे हुए है। ऐसे में संक्रमण से बचाव में घर के सदस्यों की सामूहिक देखभाल में काम आ सकती हैं ये आदतें...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 05:20 PM (IST)
कोरोना काल में परिवार की सामूहिक देखभाल में काम आ सकती हैं ये आदतें...
फास्टफूड व शीतल पेय का प्रयोग कम से कम करें

कानपुर, जेएनएन। बीते करीब दो साल से लगभग हर कोई सेहत के प्रति सजग हो चुका है। घर की रसोई से ही बना पौष्टिक भोजन सबकी पसंद बन गया है। आयुर्वेद में बताए गए नुस्खे खूब अपनाए जा रहे हैं। हर्ड इम्युनिटी की बातें हुईं तो समझ आया कि साथ मिलकर ही सेहत को बेहतर बनाया और कोरोना संक्रमण को दूर रखा जा सकता है। ऐसे में कुछ आवश्यक बातों का पालन करने से कोरोना व अन्य संक्रमणों से आपके परिवार का हर सदस्य सुरक्षित और स्वस्थ रह सकता है।

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शुरुआत हो सही: इम्युनिटी मजबूत करने के लिए जागने-सोने का समय तय करें। आयु के अनुसार एक से तीन गिलास गुनगुना पानी घूट-घूटकर पीएं। निवृत्त होने के बाद काढ़ा अथवा तुलसी, अदरख की चाय का सेवन करें। स्वाद के लिए थोड़ा गुड़ मिला सकते हैं। यह सेहत के लिए फायदेमंद खुराक है। अब योग व हल्का व्यायाम करें। हर सदस्य प्रात:कालीन करीब 20-30 मिनट धूप अवश्य ले। सूर्य की रोशनी से शरीर में विटामिन-डी का निर्माण होता है। इससे सेरोटोनिन तथा मेलोटोनिन हार्मोन उत्सर्जित होते हैं। हड्डियां मजबूत होती हैं, रक्त कोशिकाओं व इम्युनिटी का संवर्धन होता है। रात में सोने से पूर्व सभी सदस्य गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें।

सुरक्षित जीवन के सरल उपाय

  • फास्टफूड व शीतल पेय का प्रयोग कम से कम करें
  • पांच माह से 11 वर्ष के बच्चों की सरसों के तेल से मालिश करें
  • फ्रिज में रखे पानी या खाद्य पदार्थ को सामान्य तापमान पर आने के बाद ही इस्तेमाल करें
  • बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। एन-95 मास्क लगाएं व दो गज की दूरी बरतें। घर लौटने पर संभव हो तो गुनगुने पानी से स्नान करें अन्यथा अच्छे से हाथ-पैर धोएं

दाम नहीं गुणवत्ता पर रखें नजर: ‘जैसा खाओ अन्न, वैसा होए तन’। भोजन का सीधा असर व्यक्ति की सेहत पर होता है। खाद्य पदार्थों का चयन उनकी कीमत के बजाय उससे मिलने वाले पौष्टिक गुणों के अनुसार करें।

अपने भोजन में सहजन को शामिल करें। यह उच्च स्तर के प्रोटीन, विटामिंस व मिनरल्स का स्रोत होता है। इंग्लैंड में इसे ‘न्यूट्रीशन डायनामाइट’ और अफ्रीका में ‘बेस्टफ्रेंड आफ वीमेन’ कहा जाता है। एंटी आक्सीडेंट व इम्युनिटी बूस्टर जैसे गुणों से युक्त सहजन डायबिटीज, कोलेस्ट्राल और रक्तचाप स्तर नियंत्रित करता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध की कमी, बच्चों में सूखा रोग जैसी अनेक समस्याओं में भी यह काफी फायदेमंद होता है।


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