क्योंकि वह लाखों-करोड़ों में एक है, इसलिए बच गई जान
तीन दिन पहले खुद को गोली मारने वाले युवक का दिल दायीं ओर निकला
जागरण संवाददाता, कानपुर : अस्पताल में कोई इसे कुदरत का करिश्मा कह रहा था तो कोई जाको राखे साइयां मार सके न कोय बोल रहा था पर सतीश तो करोड़ों में एक निकला, जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। जिस टूटे दिल की वजह से वह जान देने चला था, आज उसी दिल की वजह से वह जिंदा है। डाक्टर भी उसके जिंदा होने की वजह उसके दिल को ही बता रहे हैं।
हमीरपुर के उपरेहदा गांव निवासी सतीश कुमार ने मंगलवार दोपहर सीने पर बायीं ओर गोली मार ली थी। परिजन उसे लहूलुहान हालत में नर्सिग होम ले गए। वहां से रेफर कर दिए जाने पर परिजन कल्याणपुर के अंबेडकरपुरम स्थित नर्सिग होम ले गए जहां उसे भर्ती कराया गया। पिता बीरबल ने बताया कि यहा सर्जन डॉ. दिनेश सिंह व डॉ. आदित्य त्रिपाठी की टीम ने सीने पर बायीं ओर गोली का निशान देखा तो नाउम्मीद जताई। परिजनों के आग्रह पर इलाज शुरू किया। दिल की स्थिति जानने को एक्सरे कराया तो डॉक्टर दंग रह गए। उसका दिल बायीं ओर न होकर दायीं ओर धड़क रहा था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर सीने में फंसी गोली निकाल दी। शुक्रवार को इसका पता जब उसके परिजनों को मिला तो उनके चेहरे खिल उठे। डाक्टरों के मुताबिक सीने में दायीं तरफ दिल लाखों-करोड़ों में एक व्यक्ति को ही होता है। अस्पताल के निदेशक डॉ. एचएन सिंह का कहना है कि दिल दूसरी तरफ होने से दिल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऑपरेशन के दौरान उसका दिल दायीं ओर निकला, जिससे उसकी जान बच गई। बता दें कि प्यार में हार मान चुके सतीश ने तीन दिन पहले ये कदम उठाया था।