कानपुर में अभी भी गंगा नदी में गिर रहे नाले, नगर विकास मंत्री के आदेश को भी नहीं मान रहे जिम्मेदार
गंगा में नालों का गिरना अभी भी बंद नहीं हुआ है। नगर विकास मंत्री ने गंगा में नालों के गिरने पर नाराजगी जताते हुए आदेश दिये थे कि गंगा में नालों का पानी गिरने से रोका जो लेकिन जिम्मेदारों ने उनके आदेश को भी गंभीरता से नहीं लिया।
कानपुर, जेएनएन। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने आठ फरवरी को कानपुर में अफसरों की समीक्षा के दौरान गंगा में गिर रहे नालों को लेकर फटकार लगायी थी। महापौर ने भी गंगा में गिर रहे नालों पर आपत्ति जतायी थी। रोकने के आदेश के बाद भी गंगा में धड़ल्ले से नाले गिर रहे है। अब तक अरबों रुपये गंगा सफाई में खर्च हो चुके है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीसामऊ नाले का 14 दिसंबर 2019 को निरीक्षण किया था। इस दौरान सभी नाले अस्थायी तौर पर बंद कर दिए गए लेकिन बाद में कई गंगा में गिर रहे है। अब अफसरों का कहना है कि नालों को बंद करने कि लिए शासन से 48 करोड़ रुपये मांगे है। डबकेश्वर घाट रानी घाट परमट घाट, गोला घाट, वाजिदपुर समेत कई जगह नाले गंगा में गिरने की बात सामने आई है।
नगर विकास मंत्री से महापौर प्रमिला पांडेय ने शिकायत की थी कि कई नाले गंगा में गिर रहे है। दूसरे दिन महापौर ने गंगा में गिर रहे कई नाले जल निगम के अफसरों को दिखाए, लेकिन अभी तक गंगा में नाले गिर रहे है। डबकेश्वर नाला पिछले कई दिनों से गंगा में गिर रहे है। इसके कारण गंगा दूषित हो रही है। महापौर ने बताया कि इस मामले की नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन से मिलकर शिकायत करेंगी। ऐसी गंगा साफ करने से क्या फायदा कि गंगा में नाले गिरते रहे।