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अखंड शिवधाम आश्रम विवाद में हरिद्वार के संत जुटे

लवकुश नगर स्थित अखंड शिव धाम के संचालन का विवाद अब हरिद्वार तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 01:33 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 01:33 AM (IST)
अखंड शिवधाम आश्रम विवाद में हरिद्वार के संत जुटे
अखंड शिवधाम आश्रम विवाद में हरिद्वार के संत जुटे

संवाद सहयोगी, बिठूर : लवकुश नगर स्थित अखंड शिव धाम के संचालन का विवाद अब हरिद्वार तक पहुंच गया है। रविवार को हरिद्वार स्थित चित्रकूट अखंड आश्रम के 10 संत भी शिव धाम आश्रम पहुंचे और स्वामी ब्रजानंद अवधूत के समर्थन में धरने पर बैठ गए। संतों का कहना है कि यह आश्रम परमहंस की गद्दी का है और कोई महिला इस गद्दी की अधिकारी नहीं हो सकती है। जब तक उचित फैसला नहीं होगा, संत यही डटे रहेंगे। उधर, खुद को आश्रम ट्रस्ट की अध्यक्ष बताने वाली डॉ. रेनू तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी जान को खतरा बताया।

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हरिद्वार से अड़गड़ानंद महाराज, संतोष महाराज, दिनेश महाराज, हर्ष मणि महाराज, विक्रम आनंद महाराज, नरेशानंद गिरि महाराज, रामदास जी महाराज, कौदियानंद महाराज, प्रकाश गिरी महाराज और बाबा रामदास दोपहर शिवधाम आश्रम पहुंचे। स्वामी बृजानंद अवधूत ने उन्हें अब तक हुए पूरे प्रकरण की जानकारी दी। इसके बाद अखिल भारतीय संत समिति के केंद्रीय प्रचार मंत्री स्वामी हंसानंद जी महाराज से फोन पर भी वार्ता की। अचानक संतों के आगमन की खबर लगते ही बिठूर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी। स्वामी ब्रजानंद अवधूत ने बताया आश्रम की नींव उरई जिले के दिवंगत स्वामी शिवानंद महाराज ने रखी थी और दिवंगत स्वामी प्रकाशानंद उनके शिष्य थे। शिवानंद महाराज के शरीर त्यागने के बाद दिवंगत स्वामी प्रकाशानंद ने आश्रम पद्धति के अनुसार संचालन किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी गद्दी परमहंसों की है। अत: गद्दी का संचालन परमहंस के शिष्य ही कर सकते हैं। परमहंस की गद्दी पर कोई महिला अधिकारी नहीं हो सकती है। गद्दी उसी को मिलनी चाहिए जो गुरु का बड़ा शिष्य हो।

उधर, खुद को आश्रम के ट्रस्ट का अध्यक्ष बताने वाली डॉक्टर रेनू तिवारी ने अशोक नगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी जान को खतरा बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीली कोठी चित्रकूट के स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के इशारे पर स्वामी ब्रजानंद अवधूत, बजरंग दल सदस्यों के साथ मिलकर आश्रम की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इसकी शिकायत डॉ. रेनू ने पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से भी की है। एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने कहा कि संपत्ति विवाद कोर्ट के माध्यम से हल होगा। कानून व्यवस्था के मद्देनजर फोर्स तैनात है। मुचलका पाबंदी की कार्रवाई की गई है।


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