सावधान! शहर में दिमागी बुखार की दस्तक, जानिए क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव Kanpur News
जाजमऊ निवासी मरीज का लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहा इलाज स्वास्थ्य विभाग के अफसर केस दबाने में जुटे।
कानपुर, जेएनएन। जिले में दिमागी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) ने दस्तक दे दी है। जाजमऊ क्षेत्र के एक बुजुर्ग में एईएस की पुष्टि हुई है। वह लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती हैं, जहां उनकी हालात गंभीर है। उधर, स्वास्थ्य महकमे के अफसर रोकथाम एवं बचाव के बजाय केस दबाने में जुटे हुए हैं।
जाजमऊ के तिवारीपुर बगिया निवासी लक्ष्मी नारायण वर्मा के 72 वर्षीय पिता राम रतन वर्मा को तेज बुखार आने पर परिजन चिकित्सक के पास लेकर गए। इस बीच उनके सिर में तेज दर्द के साथ बेहोशी, कमजोरी एवं झटके भी आने लगे। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजन उन्हें लखनऊ के केजीएमयू लेकर चले गए। वहां की माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच कराने पर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की पुष्टि हुई। इसकी सूचना मुख्यालय से सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला को दी गई है।
जाजमऊ क्षेत्र में मिले थे पांच केस
वर्ष 2018 में जाजमऊ क्षेत्र में ही एईएस के पांच केस मिले थे। इसके बावजूद क्षेत्र के मलेरिया अधिकारी ने रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया और न ही अफसरों ने उन पर कार्रवाई की। इसी का नतीजा है कि इस बार भी इसी क्षेत्र में एईएस मरीज मिला है।
जेई/एईएस के लक्षण
जेई संक्रमित मच्छर काटने के 5-15 दिन बाद रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, बेहोशी एवं झटके आना है। कमजोरी, चिड़चिड़ापन, कपड़े में ही पेशाब एवं शौच होना, बोलने तथा चलने में दिक्कत होना।
जेई/एईएस से बचाव
- मच्छरों से बचाव करें।
- मच्छर मारने के लिए दवा छिड़काव एवं व फागिंग जरूरी।
- दूषित पानी का सेवन न करें।
- आसपास साफ सफाई रखें।
- आबादी क्षेत्र में सूअरों को दूर रखें।
- शौचालय का प्रयोग करें।
- बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
सीएमओ का क्या है कहना
केजीएमयू ने राज्य मुख्यालय को जानकारी दी थी। मुख्यालय से इससे संबंधित पत्र मिला था। इस पर रैपिड रिस्पांस टीम को भेजकर निरोधात्मक कार्रवाई कराई है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
- डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ।