प्री एक्टिवेट सिम की मदद से चल रहा था मतांतरण का खेल, संदिग्ध नंबरों में पांच सिम कानपुर से हुए थे एक्टिवेट
जिनके नाम से नंबर चल रहे थे उन्हेंं इसके बारे में जानकारी तक नहीं थी। यह भी सामने आया कि इनमें से पांच सिम कानपुर की आइडी से एक्टिवेट हुए थे। मगर इसका प्रयोग दिल्ली और दूसरे राज्यों में हुआ। यही नहीं नाम और पते फर्जी पाए गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। मतांतरण की जांच में जुटी एटीएस को कुछ और अहम सुराग मिले हैं। सामने आया है कि देश भर में मतांतरण के खेल में जिन मोबाइल नंबरों को प्रयोग किया जा रहा था, वह प्री एक्टिव सिम थे। अब तक ढाई दर्जन से अधिक नंबर प्रकाश में आए हैं, जिसमें से पांच नंबरों का कानपुर से एक्टिवेशन बताया जा रहा है। एटीएस को इन सिम को एक्टिवेट कराने वालों की तलाश है। मतांतरण के मामले में एटीएस को जांच में काफी कुछ मिला है। जांच पड़ताल में ढाई दर्जन से ज्यादा मोबाइल नंबर मिले हैं। इनकी पड़ताल की गई तो अधिकांश प्री एक्टिवेट मिले यानी किसी दूसरे की आइडी से इन्हेंं एक्टिवेट किया गया और चला कोई दूसरा रहा था। जिनके नाम से नंबर चल रहे थे, उन्हेंं इसके बारे में जानकारी तक नहीं थी। यह भी सामने आया कि इनमें से पांच सिम कानपुर की आइडी से एक्टिवेट हुए थे। मगर, इसका प्रयोग दिल्ली और दूसरे राज्यों में हुआ। यही नहीं नाम और पते फर्जी पाए गए हैं। यानी फर्जी दस्तावेज बनाकर नंबर प्री एक्टिवेट किए गए।
असम कनेक्शन का शक : इस मामले में एटीएस को असम कनेक्शन का शक है। गौरतलब है कि पिछले दिनों क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच पड़ताल के बाद एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसने कुछ ही दिनों में दस हजार प्री एक्टिवेट सिम देश के विभिन्न हिस्सों में बेचे हैं। माना जा रहा है कि मतांतरण गिरोह असम वाले गिरोह के संपर्क में भी था। एटीएस अब इन सिम को जारी करने वाली एजेंसी की तलाश कर रही है ताकि यह सामने आ सके कि सिम कैसे एक्टिवेट हुए थे।