दिवंगत पूर्व मंत्री कमलरानी वरुण के असलहे की भी फाइल कलेक्ट्रेट से गायब
कलक्ट्रेट से असलहों की 173 फाइलें हुई थीं गायब जांच हुई और तेज 2008 में कानपुर देहात से सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत लाए थे फाइलें रेवेन्यू बोर्ड का आकस्मिक निरीक्षण होने के बाद तमाम फाइलें हटवाने की बात आई सामने
कानपुर, जेएनएन। बिकरू के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ही नहीं, दिवंगत पूर्व मंत्री कमलरानी वरुण के असलहा लाइसेंस की फाइल भी कलेक्ट्रेट से गायब है। कलक्ट्रेट से कुल 173 फाइलें गायब हैं। ये सभी फाइलें वर्ष 2008 में कानपुर देहात से कानपुर नगर भेजी गई थीं। आरोपित सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत ही सभी फाइलें लेकर आए थे। हालांकि उनका कहना है कि सभी फाइलें बड़े बाबू को दे दी थीं, लेकिन उनके पास इसकी कोई रिसीविंग नहीं है।
बिकरू कांड के बाद एसआइटी और जांच आयोग की टीमों ने विकास दुबे से संबंधित पुराने मुकदमों का ब्योरा मांगा था। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से विकास व अन्य आरोपितों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसी दौरान विकास की शस्त्र लाइसेंस की फाइल तलब की गई थी। जिलाधिकारी ने यह फाइल तलाश कराई, लेकिन नहीं मिली। इस पर जांच शुरू हुई। तब तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत से पूछताछ की गई। उन्हें दोषी मानते हुए मंगलवार रात कोतवाली थाने में गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस की संख्या 131 से लेकर 303 तक है। इस तरह कुल 173 फाइलें गायब हैं।
आरोपित विजय रावत ने बताया कि वह वर्ष 2008 में कानपुर देहात से असलहों फाइलें लाकर बड़े बाबू को दे दी थीं। उन्होंने इन्हें अलमारी में रखवा दिया था। कुछ समय बाद ही चेयरमैन रेवेन्यू बोर्ड का आकस्मिक निरीक्षण भी हुआ था। उस दौरान तमाम फाइलें हटवाई गई थीं। आशंका है कि उन फाइलों के साथ ही कहीं शस्त्र लाइसेंस की फाइलें भी इधर-उधर हट गई हों। प्रशासन की टीम फाइलों की तलाश कर रही है।
इनकी फाइलें भी हैं लापता
चौबेपुर निवासी रामबाबू गुप्ता, घाटमपुर निवासी वीरेंद्र सिंह, अबाबकरपुर निवासी दिलीप कुमार, गबड़हा गांव निवासी जगरूप सिंह, घाटमपुर निवासी भवनेश सिंह, घाटमपुर के जवाहर नगर निवासी सतेंद्र नाथ, गोडऱा निवासी देवेंद्र सिंह।
पुलिस ने मांगी प्रशासनिक जांच रिपोर्ट
कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना शुरू हो गई है। थाना प्रभारी ने प्रशासन की जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि फाइलों की जिम्मेदारी संभालने वालों से पूछताछ की जा सके। थाना प्रभारी संजीवकांत मिश्र ने बताया कि मामले में प्रशासनिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विवेचना होगी।