सकरी गलियों में जर्जर इमारतें, इनमें फड़फड़ाती जिदंगी
- नगर निगम नोटिस देकर भूल जाता नहीं करता कार्रवाई - शहर में हजारों मकान गिरने की
- नगर निगम नोटिस देकर भूल जाता, नहीं करता कार्रवाई
- शहर में हजारों मकान गिरने की स्थिति में, कागज में सिर्फ 429
जागरण संवाददाता, कानपुर : सकरी गलियों में खड़ी दर्जनों जर्जर इमारतें में रहने वालों के साथ ही आसपास लोगों की भी जिदगी खतरे में है। हालत यह है कि हादसा होने पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। दोपहिया वाहन ले जाने के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ता है। नई सड़क, बेकनगंज, मेस्टन रोड, चौक सर्राफा, नयागंज, कमला टावर समेत कई जगह सैकड़ों जर्जर भवन गलियों में है। नगर निगम के रिकार्ड में सिर्फ 429 इमारतें ही जर्जर है। जर्जर भवनों को गिराने के नाम पर केवल नगर निगम नोटिस पर नोटिस दे रहा है फालोअप नहीं कर रहा है।
नई सड़क में कई मकान के छज्जे लटके हुए हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। सकरा रास्ता होने के कारण बचने का रास्ता भी नहीं है। सुहैल अनवर ने बताया कि जर्जर मकान के सामने से निकलने में डर लगता है। यहां हा चमड़ा मंडी बेकनगंज का है। यहां पर भी गलियों में कई जर्जर मकान खड़े है। छज्जे गिर गए है और दीवार लटकी हुई है। आसपास रहने वाले हर वक्त दशहत में रहते है। कई बार नगर निगम को पत्र भी दिया गया केवल गिराने की नोटिस दे दी गई लेकिन किराएदार और मकान मालिकों की आपसी लड़ाई के चलते फंसे है।
------------
नए सिरे से सर्वे कराया जाएगा, विवादित मकानों को गिराने को लेकर कोर्ट का सहारा लिया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को अफसरों के साथ बैठक करेंगी।
- प्रमिला पांडेय, महापौर
------
सभी जोनल अभियंताओं को आदेश दिए है कि एक-एक जर्जर भवनों को चिन्हित करके कार्रवाई करे। साथ ही फालोअप भी करें।
- शिव शरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त ------
भटक रहे लोग
मेस्टन रोड, मूलगंज, कोपरगंज, कर्नलगंज, चमनगंज, प्रेमनगर, आनंद बाग, डिप्टी पड़ाव समेत कई क्षेत्रों में जर्जर भवन है।
------
जर्जर भवनों की जोनवार संख्या
जोन एक 222
जोन दो 06
जोन तीन 42
जोन चार 120
जोन पांच 18
जोन छह 21
कुल 429