कानपुर: डेंगू की सैंपलिंग और रिपोर्टिंग में अधिकारी कर रहे मनमानी, निजी अस्पतालों की नहीं मान रहे जांच रिपोर्ट
सीएमओ डा.नैपाल सिंह ने उन्होंने निजी अस्पतालों के संचालकों को पत्र जारी कर डेंगू की रिपोर्टिंग करने से मना किया है। डेंगू की जांच करने से नहीं रोका है। ऐसे में निजी अस्पताल और निजी पैथालाजी डेंगू की जांच कर रहे हैं जिसमें मरीजों की जेब ढीली हो रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जिले में डेंगू वायरस की जांच रिपोर्ट दबाने में महकमे के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। निजी अस्पतालों और निजी लैब में डेंगू की जांच तो करा रहे हैं, लेकिन उसकी रिपोर्टिंग नहीं मान रहे हैं। ऐसे में मरीजों की जेब हल्की हो रही है, जबकि सरकारी संस्थान उर्सला व मेडिकल कालेज में निश्शुल्क जांच का दावा किया जा रहा है। डेंगू की सैंपलिंग और रिपोर्टिंग में भी खेल हो रहा है। दोनों संस्थानों की जांच रिपोर्ट से अलग सीएमओ की ओर से प्रतिदिन जारी होने वाली रिपोर्ट में आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं।
निजी क्षेत्र में जांच ढीली कर रही जेब
सीएमओ डा. नैपाल सिंह भी दोहरी नीति पर चल रहे हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों के संचालकों को पत्र जारी कर डेंगू की रिपोर्टिंग करने से मना किया है। डेंगू की जांच करने से नहीं रोका है। ऐसे में निजी अस्पताल और निजी पैथालाजी डेंगू की जांच कर रहे हैं, जिसमें मरीजों की जेब ढीली हो रही है। उनकी रिपोर्टिंग को भी नहीं मान रहे हैं। कुछ बड़े संस्थान ही जांच रिपोर्ट की सूचना सीएमओ को दे रहे हैं, जबकि अन्य कार्ड टेस्ट करके सूचना भी नहीं देते हैं। एंटीजन कार्ड टेस्ट का 1200 रुपये वसूल रहे हैं। इसी तरह डेंगू की एलाइजा जांच के 2400 रुपये लिए जा रहे हैं, जिसमें आइजीएम, एनएस-वन व आइजीजी जांच शामिल है।
शहर में कम व गांव में सैंपलिंग ठीक
मच्छरों का प्रकोप बढऩे के साथ डेंगू और जीका वायरस कहर बरपा रहे हैं। हर साल शहर में कहर बरपाने वाले डेंगू के एडीज मच्छर का गांव की तरफ रुख करना भी स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठाता है, जो यह बताता है कि शहरी क्षेत्र में डेंगू की रिपोर्टिंग को दबाया जा रहा है। शहर में 50 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से बुखार पीडि़तों के सैंपल एकत्र ही नहीं किए जा रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से एकत्र होने वाले सैंपल में लगातार डेंगू के मरीज मिले रहे हैं। सिर्फ उर्सला और एलएलआर अस्पताल की ओपीडी व इनडोर के मरीजों की जांच हो रही है।
कुरसौली में डेंगू से मौतें, महकमे का इंकार
कल्याणपुर के कुरसौली गांव में बुखार फैला था। डेंगू से 17 मौतें भी हुईं। उसमें से अधिकतर में निजी अस्पताल में डेंगू की पुष्टि भी हुई, लेकिन महकमे ने मानने से इंकार कर दिया। हद तो यह है कि एक तरफ पूरा प्रशासनिक अमला कुरसौली गांव में डटा रहा, लेकिन डेंगू की गलत रिपोर्टिंग करने वाले निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा सके।
महकमे के आंकड़ों में भी अंतर
मंगलवार को उर्सला अस्पताल में डेंगू के चार मरीज मिले हैं, जो शहरी क्षेत्र के हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की रिपोर्ट में सात मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, वह भी शहर के ही हैं। इस हिसाब से डेंगू के मरीजों की संख्या 11 होती है। उसके बाद भी सीएमओ कार्यालय से जारी रिपोर्ट में आठ मरीजों को दिखाया गया। उसमें शहरी क्षेत्र के आजाद नगर, आदर्श नगर, गीता नगर, नेता नगर और बर्रा पांच के हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बिल्हौर के खाड़ामऊ व बलराम नगर के एक-एक व सरसौल के तिलसहरी खुर्द का एक डेंगू मरीज है। कमोवेश, रोजाना ही रिपोर्टिंग की यह स्थिति है।
एक नजर में डेंगू की रिपोर्टिंग
दिनांक - उर्सला- जीएसवीएम-सीएमओ की रिपोर्टिंग
16 नंवबर- 04-07-08
15 नवंबर-10-02-04
14 नवंबर-07-00-07
13 नवंबर-06-10-11
12 नवंबर-09-09-11
11 नवंबर-15-12-10
जिले में डेंगू की स्थिति (सीएमओ के आंकड़े)
586 मरीजों में हो चुकी है डेंगू की पुष्टि
420 मरीज ग्रामीण अंचल में मिले डेंगू के
166 मरीज शहरी क्षेत्र में डेंगू के मिल चुके
540 मरीज डेंगू से हो चुके हैं स्वस्थ
46 एक्टिव केस डेंगू के बचे हैं
बोले जिम्मेदार: डेंगू की जांच की रिपोर्टिंग सीधे करने से निजी अस्पतालों व लैब को बना किया गया है। उन्हें स्क्रीनिंग करने की अनुमति दी गई है। डेंगू की पुष्टि के लिए पीडि़त का सैंपल उर्सला अस्पताल की लैब में भेजकर कराने का निर्देश हैं। अगर डेंगू की जांच में अतिरिक्त शुल्क वसूलने की शिकायत है तो उसकी जांच कराएंगे। डेंगू की जांच और इलाज बिना सूचना कोई नहीं कर सकता है। इससे जुड़ी शिकायतें मिलने पर संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डेंगू की जांच के लिए किसी को मना नहीं किया जा सकता है। -डा. नैपाल सिंह, सीएमओ कानपुर