सहालग में कारोबार को ऊंची उड़ान दिलाने के लिए तैयारियां तेज, स्टॉक भरने में जुटे कानपुर के कपड़ा व्यापारी
पिछले वर्ष कोरोना की वजह से बहुत से परिवारों ने शादियां आगे के लिए बढ़ा दी थीं। इसकी वजह से सर्दी की सहालग में भी दुकानों में स्टॉक कम पड़ गया था। कारोबारियों को उम्मीद है कि गर्मी की यह सहालग बहुत अच्छी होगी।
कानपुर, जेएनएन। होली के बाद नवरात्रि से शुरू होने वाली सहालग के लिए कपड़ा कारोबारियों ने अभी से अपने स्टॉक को अभी से भरना शुरू कर दिया है। थोक कपड़ा बाजार के अधिकांश कारोबारी इस समय सूरत, मुंबई, अहमदाबाद के दौरे पर हैं ताकि वहां से अपने लिए नए माल की खरीदारी करके ला सकें।
कपड़ा बाजार में यह समय हर वर्ष नया स्टॉक भरने का होता है। इस समय दुकानों में कोई खास बिक्री नहीं होती, लेकिन आने वाला समय सहालग का होता है। अब से होली तक जिस माल का ऑर्डर दिया जाता है वह गंगा मेला के बाद आना शुरू होता है। क्योंकि कानपुर का थोक बाजार होली से गंगा मेला तक बंद रहता है और उसके बाद सहालग की बिक्री तेज हो जाती है। कपड़ा बाजार में सर्दी के मुकाबले गर्मी की सहालग ज्यादा बिक्री वाली मानी जाती है और ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर फसल कटने के बाद ही परिवारों में विवाह के आयोजन होते हैं जब फसल बेच कर हाथ में कुछ धन आ जाता है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से बहुत से परिवारों ने शादियां आगे के लिए बढ़ा दी थीं। इसकी वजह से सर्दी की सहालग में भी दुकानों में स्टॉक कम पड़ गया था। कारोबारियों को उम्मीद है कि गर्मी की यह सहालग बहुत अच्छी होगी। वैसे ज्यादातर माल पहले के मुकाबले बढ़ी कीमत पर मिल रहा है।
इनका ये है कहना
- नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी के मुताबिक पापलीन, अस्तर, धोती जैसी कम कीमत की चीजों में 10 फीसद तक भाव बढ़ा हुआ है। इसे कपड़ा कारोबारी स्वीकार भी कर चुके हैं और इसके बाद आगे और कीमतें बढ़ने की आशंका है।
- थोक कारोबारी श्रीकृष्ण गुप्ता के मुताबिक ज्यादातर कारोबारी इस समय अपना स्टाॅक ठीक करने के लिए खरीदारी करने के लिए निकले हुए हैं। बाजार में भी कंपनियों के एजेंट लगातार आ रहे हैं। उनके जरिए भी खरीदारी हो रही है।