यहां पहुंचते ही तेजस भी रेंगने पर हो जाएगी मजबूर, रफ्तार पर लगेगा ब्रेक Kanpur News
उन्नाव से कानपुर के बीच तेजस के सफल परिचालन के लिए रेलवे टीम ने कई जगह पर कॉशन खत्म किए हैं।
कानपुर, जेएनएन। भारत की पहली निजी हाईस्पीड ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को लखनऊ से दिल्ली तक 160 की रफ्तार से दौड़ाने के लिए रेलवे ने पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन इस रूट पर एक जगह ऐसी भी है जहां पर तेजस रेंगने पर मजबूर हो जाएगी और उसकी रफ्तार पर बे्रक लग जाएगा। हालांकि इसके लिए रेलवे तकनीकी टीम ने निरीक्षण भी किया लेकिन फिलहाल तेजस की रफ्तार की निरंतरता बनाए रखने का हल नहीं खोज सके हैं।
ट्रेन संचालन मेें कॉशन का दर्द
दिल्ली-वाराणसी के बीच सर्वाधिक रफ्तार वाली वंदेभारत एक्सप्रेस की सफलता के बाद अब लखनऊ-दिल्ली रेल रूट पर देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को दौड़ाने की तैयारी की जा रही है। नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के बाद कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर हमसफर ट्रेनें दौड़ रही हैं। इन ट्रेनों की औसत गति 110 किमी प्रति घंटा है लेकिन कई स्थानों पर ट्रैक और स्लीपर ठीक न होने के कारण सुपरफास्ट ट्रेन को धीमी गति से गुजारा जाता है। यहां पर कॉशन लगा रहता है और रूट पर चलने वाली ट्रेनों के चालक स्वत: वहां पर गति धीमी कर देते हैं।
उन्नाव से कानपुर के बीच खत्म किए काशन
कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर तेजस एक्सप्रेस का परिचालन शुरू होने से पहले कानपुर और उन्नाव स्टेशन के बीच कॉशन खत्म करने के लिए रेल पथ विभाग ने दिन-रात एक कर दिया है। इसके लिए जहां कहीं ट्रैक व स्लीपर कमजोर पड़ेंगे, उसे बदला जा रहा है। 160 किमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए सारी कवायद की जा रही है। तेजस एक्सप्रेस की गति को ध्यान में रखते हुए रेल यातायात निरीक्षक लखनऊ मंडल अनुराग भटनागर ने गंगाघाट स्टेशन से गंगा पुल तक निरीक्षण किया। गंगा रेलवे पुल से स्टेशन केबिन के मध्य कुछ ट्रेनों के पास होने पर गति को भी जांचा गया है। ट्रैक, स्लीपर के साथ रेलवे क्रॉङ्क्षसग पर सुरक्षा और संरक्षा की खामियों को चिह्नित करते हुए दूर कराने के साथ कॉशन खत्म करने को कहा। मंडल अधिकारियों के माध्यम से रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट भेजी।
गंगा पुल पर अपनी रफ्तार खो देगी तेजस
लखनऊ-कानपुर के बीच छमक नाले की पुलिया और सबसे लंबे गंगा पुल पर कॉशन लगाकर ट्रेनों को गुजारा जाता है। हालांकि रेलवे टीम ने छमक नाले की पुलिया से कॉशन हटा लिया है लेकिन गंगा पुल पर ट्रेन की रफ्तार बढ़ा पाना मुश्किल है। रेल पथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि तेजस एक्सप्रेस के सफल परिचालन में सबसे ज्यादा दिक्कत गंगा रेलवे पुल पर रहेगी। इसे दूर करने का कार्य शुरू कराया गया है। मौजूदा समय पर गंगा रेलवे पुल के अप हिस्से में 45 और डाउन लाइन पर 75 किमी का कॉशन है। पुल से गुजरते समय ट्रेनें रेंगती नजर आती हैं। इस तरह गंगा पुल पर पहुंचते ही तेजस की रफ्तार पर ब्रेक लग जाएगा।
गंगा नदी पर 1880 में 894 मीटर का रेलवे पुल बनाया गया था। इसके बाद करीब 110 साल बाद पहली पर इस पुल की मरम्मत कराई गई थी। वर्ष 2016 में 29 दिन का ब्लाक लेकर डाउन ट्रैक का टर्फ बदला गया था फिर 2018 में नया ट्रैक बिछाया गया था। तब जाकर पुल पर ट्रेनों की गति कुछ बढ़ सकी थी। अब तेजस एक्सप्रेस को अपनी स्पीड से चलाने के लिए पुल पर गति बढ़ाने की कवायद फिर शुरू हो गई है।