स्वच्छता रैकिंग में कानपुर ने लगाई 38 पायदान लंबी छलांग, देश में पाया 25वां स्थान
देश में स्वच्छता रैंकिंग में कानपुर पिछले साल 63वें नंबर पर था और इस बार 38 पायदान ऊपर आ गया है।
कानपुर, जेएनएन। मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स द्वारा देश के 4203 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की स्वच्छता रैकिंग सूची में कानपुर ने लंबी छलांग लगाई है। देश के शहरों में स्वच्छता में शहर अब 25वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल की स्वच्छता रैकिंग से कानपुर 38 पायदान ऊपर खिसक गया है।गंगा के किनारे के शहरों की स्वच्छता रैकिंग में कानपुर देश में दूसरे नंबर पर है। इस रैकिंग नंबर वन पर वाराणसी है, इसमें एक लाख से ज्यादा संख्या वाले शहर लिए गए है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में शहर का 63 वां स्थान अौर स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 65 स्थान मिला था। इस बार प्रदेश में कानपुर स्वच्छता रैंकिंग में पांचवे स्थान पर है, जबकि लखनऊ देश की रैकिंग में 12 वें अौर प्रदेश में पहले नंबर पर है। स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ सफाई, निजी से लेकर सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति, खुले में शौच मुक्त की स्थिति, कूड़ा उठान, कूड़ा निस्तारण, शहर में विकास कार्यों, सीवरेज सिस्टम व जलापूर्ति व्यवस्था के बाबत केंद्रीय टीम ने शहरवासियों से राय ली थी। सर्वेक्षण में कानपुर को 3783.88 अंक मिले है।
देश में पहले नंबर इंदौर है, जिसे 5647.56 अंक मिले है। इंदौर पिछले साल एक नंबर पर था। वहीं लखनऊ को 4728 अंक पाकर देश में 12 वें स्थान पर रहा जबकि प्रदेश में अव्वल रहा। इसके अलावा प्रदेश में अागरा 4391.51 अंक पाकर दूसरे स्थान पर, गाजियाबाद 4283.26 अंक पाकर तीसरा स्थान अौर प्रयागराज 4141.47 अंक पाकर चौथे स्थान पाया है।
स्वच्छता रैकिंग में शहर
शहर देश में रैकिंग प्रदेश में रैकिंग
लखनऊ 12 एक
अागरा 16 दो
गाजियाबाद 19 तीन
प्रयागराज 20 चार
कानपुर 25 पांचवां
यहां पर पिछड़ गया शहर
घर-घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरे शहर में नहीं लागू हो पाने के कारण कानपुर रैकिंग में पिछड़ा है। 110 वार्डों में अभी तक नगर निगम का दावा 80 फीसद कूड़ा उठाया जा रहा है। जबकि कई वार्डों में घर-घर से कूड़ा नहीं उठ रहा है।
यहां मिली मजबूती
सालों से बंद कूड़ा निस्तारण प्लांट जनवरी 2020 में नगर निगम ने अपने संसाधनों से चालू कराया। इस वक्त खाद व अारडीएफ बन रही है। प्लास्टिक से डीजल बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए पीपीपी मॉडल से टेंडर कराए जा रहे है। इसके अलावा समार्ट सिटी मिशन से शहर में छह अाधुनिक कू़ड़ा ट्रांसफार स्टेशनों का निर्माण कराया। कूड़ा सीधे प्लांट भेजा ता है। सालों से जमें कू़ड़े को हटाया गया।
यह अभी होना बाकी : हर घर से कू़ड़ा उठाया जाए। सोसाइटी क्षेत्रों में सफाई कर्मचारी बढ़ाए जाए।
गंगा के किनारे वाले टॉप फाइव शहर
शहर रैकिंग
वाराणसी 1
कानपुर 2
मुगंर 3
प्रयागराज 4
हरिद्वार 5
क्या बोले जिम्मेदार
- शहर को देश में नंबर वन में लाना है। अक्टूबर तक शहर को गंदगी मुक्त बनना है। इसके लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। खुद एक-एक वार्ड में जाकर डुगडुगी बजा रही है। लोगों से अपील भी कर रही हूं कि सफाई के बाद गंदगी न फेंके। जागरूकता अौर सहयोग से शहर नंबर वन होगा। -प्रमिला पांडेय महापौर
- जनवरी में प्लांट को चालू कराया गया है। साथ ही पुराने कू़ड़े का भी निस्तारण शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए वाहन बढ़ाए जा रहे है। -अक्षय त्रिपाठी, नगर अायुक्त