बच्चों को रोगों से लड़ने की ताकत देगी चीनी, आंखों की रोशनी भी बढ़ाएगी
बच्चों ज्यादा चीनी न खाओ वरना दांत सड़ जाएंगे और बड़ों को चेतावनी डायबिटीज हो जाएगी।
नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट ने शोध के बाद विटामिन 'ए' युक्त चीनी बनाई है, जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होगी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बच्चों ज्यादा चीनी न खाओ वरना दांत सड़ जाएंगे और बड़ों को चेतावनी डायबिटीज हो जाएगी। ये हर घर की कहानी है लेकिन अब चीनी न सिर्फ रोगों से लड़ने की ताकत देगी बल्कि आंखों की रोशनी भी बढ़ाएगी। जी हां, नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआइ) ने फायदा पहुंचाने वाली विटामिन 'ए' युक्त चीनी तैयार की है।
विटामिन 'ए' की कमी का शिकार हैं बच्चे
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 20 करोड़ से अधिक बच्चे विटामिन 'ए' की कमी का शिकार हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है और आंखों की रोशनी की भी समस्या है। शरीर का विकास भी ठीक से नहीं हो रहा है। विटामिन 'ए' की कमी को पूरा करने के लिए खाद्य पदार्थो में इसको मिलाया जा रहा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, केन्या, नाइजीरिया आदि देशों में विटामिन 'ए' को चीनी में मिलाने का प्रयोग हुआ, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। चीनी में विटामिन 'ए' की सही मात्रा नहीं मिल पाई। एनएसआइ के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन के निर्देशन में वैज्ञानिकों ने काम किया। तीन साल के शोध के बाद चीनी और विटामिन 'ए' की सही मात्रा मिल सकी।
कूलिंग और को-क्रिस्टिलाइजेशन तकनीक अपनाई
प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि चीनी बनाने में को-क्रिस्टिलाइजेशन और कूलिंग तकनीक अपनाई गई। सबसे पहले गन्ने के रस को शुद्ध किया गया। चीनी के घोल को गाढ़ा करने की प्रक्रिया की। इसके क्रिस्टल रूप में आने से पहले विटामिन ए को मिला दिया गया। दोनों क्रिस्टल रूप में तैयार हो गए। कूलिंग तकनीक से चीनी और विटामिन 'ए' मिल गए। विटामिन बी, डी, आयरन पर काम संस्थान ने विटामिन बी, डी, आयरन, फोलिक एसिड पर काम शुरू कर दिया है। इनको भी चीनी के साथ मिलाया जाएगा। प्रति ग्राम चीनी में 15.5 से 19.5 माइक्रोग्राम विटामिन 'ए' की मात्रा रहेगी।
छह महीने तक रहेगा सुरक्षित
निदेशक के मुताबिक चीनी में विटामिन 'ए' छह माह तक सुरक्षित रहेगा। चीनी को सूर्य की रोशनी में रखा जाएगा लेकिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक न हो, जबकि आर्द्रता 65 फीसद से कम रहे। विटामिन 'ए' युक्त चीनी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि इस प्रक्रिया के बाद चीनी की कीमत ढाई रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ जाएगी।