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हर घंटे 13 बच्चे हो रहे एडस की बीमारी का शिकार, चाइल्ड लाइन ने यूनीसेफ की रिपोर्ट से किया आगाह

उर्सला में आयोजित हस्ताक्षर अभियान में चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं ने यूनीसेफ की रिपोर्ट के बारे में लोगों को जानकारी दी इसके प्रति गंभीरता बरतने को कहा। बताया गया कि देश में प्रति घंटे 13 बच्चे और एक दिन में 320 बच्चे एडस की बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 12:44 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 12:44 PM (IST)
हर घंटे 13 बच्चे हो रहे एडस की बीमारी का शिकार, चाइल्ड लाइन ने यूनीसेफ की रिपोर्ट से किया आगाह
सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी और चाइल्ड लाइन ने किया जागरुक।

कानपुर, जागरण संवाददाता। देश में प्रति घंटे 13 बच्चे और एक दिन में 320 बच्चे एडस की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। यह जानकारी चाइल्ड लाइन ने दी है। यूनीसेफ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चाइल्ड लाइन ने लोगों को एडस के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है। विश्व एडस दिवस पर सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी और चाइल्ड लाइन के संयुक्त तत्वावधान में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। उर्सला में आयोजित इस हस्ताक्षर अभियान में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और मरीज हिस्सा बने। इस दौरान अस्पताल में आने जाने वाले लोगों को एडस के बारे में जागरुक किया गया।

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उर्सला में आयोजित हस्ताक्षर अभियान में चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं ने यूनीसेफ की रिपोर्ट के बारे में लोगों को जानकारी दी साथ ही इसके प्रति गंभीरता बरतने को कहा। बताया गया कि देश में प्रति घंटे 13 बच्चे और एक दिन में 320 बच्चे एडस की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इस गंभीरता को देखते हुए लोगों को जागरूक एवं बच्चों का जीवन बचाने के उददेश्य से यह हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया है। एडस की बीमारी का शिकार होने वाले ज्यादातर बच्चे बिना माता पिता के सडकों पर रहने वाले एवं सामूहिक रूप से रहने वाले बच्चे हो रहे हैं। कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि सीएमएस डा. अनिल निगम ने हस्ताक्षर कर किया।सीएमएस ने बताया कि लोगो को एडस के प्रति जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

एडस एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई पूर्ण इलाज नही खोजा जा सका है। हालांकि इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति दवाइयों और चिकित्सा की सहायता से अपना जीवन ठीक रुप से बिता सकता है। वर्तमान में इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए कई सारे प्रयास किये जा रहे हैं। जानकारी न होने से बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतिया हैं।जागरुकता अभियान से ही यह भ्रांतियां समाप्त होंगी।चाइल्ड लाइन के निदेशक कमलकांत तिवारी ने कहा कि एड्स के बारे में आज शायद ही कोई अनभिज्ञ हो।यह कैसे होता है, इसकी भी जानकारी लगभग सभी को है।बावजूद इसके लोग असावधानी बरतते हैं।जागरूकता से ही इस बीमारी से जान बच सकती है। चाइल्डलाइन के समन्वयक प्रतीक धवन ने बताया कि एडस ह्यूमन इम्यूनो डिफिशियंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। जानकारी से ही इससे बचा जा सकता है। सीएमएस डा. एके सिंह, डा. अभिषेक सिंह, डा. किरन पाण्डेय, डा. रश्मि कपूर, डा. मोनिका, ओटी इंचार्ज रामप्यारी, अंजु वर्मा, प्रदीप पाण्डेय, सुचि अवस्थी, अमन पाण्डेय, नारायण दत्त त्रिपाठी, आलोक चन्द्र वाजपेयी, मंजुला तिवारी उपस्थित रहीं।


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