पाक और चीन के खिलाफ लड़े राजाराम सिंह ने ली अंतिम सांस, देश सेवा के लिए जीवन भर रहे अविवाहित
पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले जौहरपुर हुकुम सिंह का डेरा निवासी सूबेदार मेजर राजाराम सिंह ने सोमवार रात नौ बजे अंतिम सांस ली। मंगलवार सुबह पैतृक गांव में ही उन्हें तिरंगा ओढ़ाकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

बांदा, जागरण संवाददाता। देश सेवा के लिए जीवन में त्याग और तपस्या करने वाला बांदा का लाल अब नहीं रहा। 90 वर्ष की आयु में सूबेदार मेजर राजाराम सिंह ने सोमवार रात को अंतिम सांस ली। राजाराम सिंह ने भारत की ओर से तीन बार चीन-पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया था। उनकी मौत के बाद ग्रामीणों की आंखे नम रही। उन्हें तिरंगा ओढ़ाकर राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई।
पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले जौहरपुर हुकुम सिंह का डेरा निवासी सूबेदार मेजर राजाराम सिंह ने सोमवार रात नौ बजे अंतिम सांस ली। मंगलवार सुबह पैतृक गांव में ही उन्हें तिरंगा ओढ़ाकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूर्व मेजर सूबेदार उन गिने चुने वीरों में से एक थे, जिन्होंने 1962, 1965 व 1971 में चीन-पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया था। उनकी वीरता का कोई सानी नहीं था। 90 साल की उम्र में भी उनमें देशभक्ति का जज्बा था। स्वजन ने बताया कि देशसेवा के लिए उन्होंने शादी नहीं करने का संकल्प लिया था और जीवन भर अविवाहित रहे। वर्ष 1974 में राजपूताना रेजीमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे। एसबी राठौर, वीरेंद्र सिंह, कल्लू परमार, गुमान सिंह, सुरेश पटेल, सुरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, पूर्व सैनिक अमन सिंह, धर्मेंद्र सिंह आदि तमाम ग्रामीणों ने नम आंखों के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी।
Edited By Abhishek Verma