पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलने पर दारोगा निलंबित
- पीड़ित दारोगा ने अपर पुलिस आयुक्त से लगाई न्याय की गुहार
जागरण संवाददाता, कानपुर : एक दारोगा को अपने ही महकमे के खिलाफ मोर्चा खोलना भारी पड़ गया। अधिकारी ने उन्हें निलंबित कर दिया। जानकारी होने पर वह रविवार सुबह अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के पास पहुंचे और पूरी घटना बताकर गुहार लगाई।
चकेरी के सनिगवां निवासी दयाशंकर ने बताया कि वह नजीराबाद थानाक्षेत्र की जेके मंदिर पुलिस चौकी के सेकेंड अफसर (एसआइ) थे। आरोप है कि 2014 में बर्रा आठ रामगोपाल चौराहे के पास सराफा व्यापारी ललित सोनी के साथ हुई लूट का तत्कालीन थाना प्रभारी और उनकी टीम ने पर्दाफाश किया था। थाना प्रभारी ने एक आरोपित को छुड़ाने के नाम पर स्वजन से 50 हजार रुपये उनके मोबाइल से मांगे थे। रुपये मांगने की रिकार्डिग के आधार पर आरोपित की पत्नी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन जेल सिर्फ उन्हें भेजा गया। जमानत पर छूटने के बाद 2017 में सीएम से गुहार लगाई थी। सीएम ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश भी दिए, लेकिन अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। जांच कर रहे एडीसीपी मनीष सोनकर ने उनके बयान लेकर मामले की विस्तृत जांच के लिए आख्या रिपोर्ट अधिकारी को भेजी थी। मामला समाचार पत्रों में आने पर अधिकारियों ने उन्हें ही परेशान करना शुरू कर दिया। आरोप है कि दहेज उत्पीड़न के मामले में एसीपी नजीराबाद ने उनसे गलत विवेचना करने का आरोप लगा रुपये मांगे थे। इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त से की गई थी। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने उनके बयान दर्ज किए। अब अधिकारी ने शनिवार रात उन्हें निलंबित कर दिया।
सेवानिवृत्त होकर दे दूंगा रुपये
दारोगा ने बताया कि एसीपी नजीराबाद ने जब रुपये मांगे तो उनसे था कि वह किसी से भी रुपये नहीं लेते हैं। फिर भी आप मांग रहे हैं तो हम ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर पेंशन की रकम से रुपये देंगे।
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दारोगा दयाशंकर ने पूरी घटना बताई और ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया है। उनकी सभी शिकायतों की जांच कराई जा रही है। सेवानिवृत्ति पर भी कार्यवाही कराई जाएगी।
आनंद प्रकाश तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त