कानपुर में 2.22 लाख किसानों को मिल रहा सम्मान निधि का लाभ, अब हटाए गए दस हजार अपात्रों के नाम
उपनिदेशक कृषि धीरेंद्र सिंह ने साक्षात्कार में बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सम्मान निधि में अपात्रों से धनराशि वापस ली जा रही है आधार से मिलान न होने की समस्या को ठीक कराया जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। उप निदेशक कृषि धीरेंद्र सिंह का कहना है कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी है। उनकी दोगुनी आय को लेकर सरकार की ओर से कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। अब तक जिले में काफी संख्या में कृषकों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल चुका है, जबकि उसमें कई अपात्र शामिल हैं। ऐसे 10 हजार अपात्रों के नाम हटा दिए गए हैं। उनका सत्यापन जारी है।
उन्होंने बताया कि किसानों को लाभ लेने के लिए अपना नाम पंजीकृत करना होगा। इस कार्य के लिए जन सुविधा केंद्र की मदद ली जा सकती है। किसान सम्मान निधि के पोर्टल पर लिंक मिलेगा, जिसमें किसानों को अपनी जानकारी भरनी होगी। प्रस्तुत हैं, उनसे बातचीत के अंश...
- किसान सम्मान निधि अभी कितने किसानों को मिल रही है और कितने लोगों के आवेदन लंबित हैं ?
-अभी करीब 2,22,000 लोगों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। 14 हजार किसान ऐसे हैं, जिनका नाम का आधार से मिलान नहीं हो पा रहा है। इस समस्या को ठीक कराया जा रहा है।
- किसान सम्मान निधि के सत्यापन में कितने अपात्र मिले हैं? कितने की धनराशि वापस ली गई?
- जिले में किसान सम्मान निधि के 10,036 अपात्र मिले हैं। 15 अपात्रों से धनराशि वापस ली जा चुकी है। यह व्यवस्था भी ऑनलाइन की जा रही है।
- खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कौन से प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं? अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
-शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना ई-पॉश के सत्यापन के यूरिया और अन्य खाद की ब्रिकी नहीं की जा सकती है। कई विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। किसानों को 20 से अधिक बोरी खाद देने वालों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया जारी है। कानपुर में 13 लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं।
- किसान मानधन योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही न हो, इसके लिए क्या कर रहे हैं?
-अब तक 559 किसानों ने पंजीयन कराया है। उनका प्रीमियम जमा हो रहा है। योजना का प्रचार प्रसार जारी है। किसानों को स्वयं लिंक करना होगा। इस काम के लिए जनसुविधा केंद्रों की मदद ली जा सकती है।
- कृषि यंत्र वितरण में अनियमितता की शिकायतें आती हैं, व्यवस्था पारदर्शी रहे इसके क्या उपाय हैं?
-कृषि यंत्र वितरण में पहले लक्ष्य निर्धारित किए जाते थे। अब सरकार ने ऑनलाइन व्यवस्था कर दी है। सब कुछ पारदर्शी है। पोर्टल पर निश्चत समय पर सारी जानकारी रहती है। किसान पंजीयन कराके टोकन जारी करा सकता है। डीएम के निर्देश पर पांच ब्लॉक का सत्यापन हुआ है, जिसमें कहीं भी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है।
- कृषि अपशिष्ट खेतों में न जलाए जाएं इसके लिए कोई विशेष अभियान चलाया जा रहा है?
-गेहूं के अपशिष्ट जलाए जाने की घटना न के बराबर है, लेकिन धान की फसल में पूर्व में कुछ मामले सामने आए थे। इसको रोकने के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए थे। उन्होंने ग्राम प्रधान, किसान समूह और कृषि विशेषज्ञों के साथ मिलकर जागरूकता का कार्य किया। किसानों को वायु प्रदूषण व खेतों की गुणवत्ता पर पडऩे वाले नकारात्मक प्रभाव की जानकारी दी गई।
- फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों में गठन में कहां दिक्कतें हैं? अब तक कितनी कंपनियों के गठन हुए हैं?
-कुल 11 फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों का गठन हुआ है। चार का गठन जल्द ही हो जाएगा। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पहले कंपनी एक्ट में पंजीयन कराना होगा। 35 हजार रुपये का खर्च आता है। 11 मार्च को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों का प्रशिक्षण कराया गया था। एक प्रशिक्षण और कराया जाएगा।
- फसलों में किसी तरह के रोग लगने की कोई सूचना आई है? मौसम का असर क्या हुआ है?
-फसलों में कोई रोग नहीं लगा है। पिछले हफ्ते हुई बारिश और तेज हवा चलने के बाद टीमें भेजी गईं थी, लेकिन किसी तरह के नुकसान होने की कोई सूचना नहीं आई।
- किसानों के लिए कोई आयोजन किया जा रहा है?
-21 मार्च को सभी विकास खंडों पर किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत प्रदर्शनी, मेला और गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें किसानों को फसलों और अन्य तरह की जानकारी दी जाएगी।