कानपुर: सेल्फ फाइनेंस कोर्स में भी छात्र कर सकेंगे पीएचडी, CSJMU में सत्र 2021-22 से शुरू होगी पढ़ाई
सेल्फ फाइनेंस कोर्स में सुपरवाइजर का चयन करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें आइआइटी एनआइटी व केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ व वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हैं। उन सुपरवाइजर का चयन किया जाएगा जिन्हें अपने विषय में महारत हासिल हो।
कानपुर, जेएनएन। इंजीनियरिंग, माइक्रोबायलॉजी, बायोसाइंस इंजीनियरिंग, फाइन आर्ट, फार्मेसी व मेडिकल लैब टेक्नीशियन जैसे सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पीएचडी करने के लिए छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) अब इन कोर्स के छात्रों को पीएचडी कराएगा। इसका अध्यादेश तैयार कर लिया गया है।
सेल्फ फाइनेंस कोर्स में सुपरवाइजर का चयन करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें आइआइटी, एनआइटी व केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ व वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हैं। उन सुपरवाइजर का चयन किया जाएगा, जिन्हें अपने विषय में महारत हासिल हो। यह पहली बार है जब सुपरवाइजर का चयन करने के लिए नामी-गिरामी शिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ प्रोफेसरों का पैनल बनाया गया है। अभी तक सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पीएचडी के लिए विश्वविद्यालय स्वीकृति नहीं देता है, जिससे यहां के शिक्षक दूसरे विश्वविद्यालयों में पंजीकरण करने वाले छात्रों के गाइड बनकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इस श्रेणी में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (यूआइईटी) के 13 से अधिक ऐसे वरिष्ठ शिक्षक हैं, जो दूसरे विश्वविद्यालयों में पंजीकरण कराने वाले छात्रों को पीएचडी करा रहे हैं। सत्र 2021-22 से विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के छात्र सीएसजेएमयू में पंजीकरण करके यहीं से पीएचडी कर सकेंगे।
M.tech के छात्रों को मिलेगा सर्वाधिक लाभ: सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पीएचडी शुरू होने का सर्वाधिक लाभ विश्वविद्यालय के उन छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने यहां से बीटेक व एमटेक की परीक्षा पास की थी। पीएचडी की सुविधा न होने के कारण कई छात्र भटक रहे थे। उन्हें अब अपने वही शिक्षक गाइड के रूप में मिलने से आसानी होगी, जिन्होंने उन्हें बीटेक में चार वर्ष व एमटेक में दो वर्ष पढ़ाया था। उनके साथ वह नए गाइड से ज्यादा सहजता महसूस करेंगे। बता दें, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के कंप्यूटर साइंस के शिक्षक डा. रवींद्रनाथ कटियार, डा. रेनू जैन, केमिकल इंजीनियरिंग के डा. बृष्टि मित्रा व विनय सचान केमिकल, आइटी की डा. राशि अग्रवाल, केमिस्ट्री की डा. अर्पिता यादव व बीपी सिंह समेत अन्य छात्रों को पहले से पीएचडी करा रहे हैं।
इनका ये है कहना:
छात्रों को जो सुपरवाइजर मिलेंगे, वह उत्कृष्ट होंगे। उनके चयन के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी। आइआइटी समेत देश के कई बड़े संस्थानों के वरिष्ठ प्रोफेसरों की स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। जिन विषयों के सुपरवाइजर फाइनल हो जाएंगे उनमें पीएचडी शुरू करा दी जाएगी। - डा. राशि अग्रवाल, एसोसिएट डीन पीएचडी सीएसजेएमयू।