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दो सपा विधायकों के मुकदमा वापसी पर फंस सकता है पेंच, पूर्ववर्ती सपा सरकार में हुआ था आदेश Kanpur News

जनपद में दस जनप्रतिनिधियों पर 21 मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 12:44 PM (IST)
दो सपा विधायकों के मुकदमा वापसी पर फंस सकता है पेंच, पूर्ववर्ती सपा सरकार में हुआ था आदेश Kanpur News
दो सपा विधायकों के मुकदमा वापसी पर फंस सकता है पेंच, पूर्ववर्ती सपा सरकार में हुआ था आदेश Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शासन से जिन मुकदमों की वापसी के निर्देश होते हैं, वे प्रक्रिया पूरी होते ही वापस हो जाते हैं। हालांकि शहर के दो विधायकों पर दर्ज मुकदमों की वापसी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद ऐसा नहीं हो सका। अब आगामी सुनवाई के दौरान मुकदमा वापसी की उम्मीद है, लेकिन यदि अभियोजन ने प्रार्थना पत्र नॉट प्रेस कर दिया तो पेंच फंस सकता है।

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बिजली के लिए आंदोलन में इरफान पर मुकदमा

जनपद में दस जनप्रतिनिधियों पर 21 मुकदमे विचाराधीन हैं। इनमें विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेयी भी शामिल हैं। इन दोनों विधायकों पर दर्ज दो मुकदमे ऐसे हैं, जिन्हें सपा सरकार ने वापस लेने के निर्देश दिए थे। इनमें विधायक इरफान सोलंकी पर बिजली को लेकर किए गए आंदोलन मामले में ग्वालटोली पुलिस द्वारा 2011 में दर्ज मुकदमा शामिल था। उन पर सरकारी काम में बाधा, धमकी समेत अन्य धाराएं लगाई गई थीं। 24 अप्रैल 2015 को सपा सरकार इस मुकदमे की वापसी के लिए अभियोजन को पत्र भेजा। मई 2015 को अभियोजन ने मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में रिपोर्ट देकर सहमति जता दी।

सरकारी काम में बाधा का अमिताभ बाजपेयी पर मुकदमा

सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी पर बिठूर पुलिस ने वर्ष 2007 में सरकारी काम में बाधा, बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इस मुकदमे की वापसी के लिए 4 अप्रैल 2013 को शासन ने अभियोजन को पत्र भेजा। अभियोजन सहमत हो गया। इसी के साथ दोनों मुकदमों की वापसी प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन किन्हीं कारणवश सुनवाई लंबित रही। इसी दौरान हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों के मुकदमे प्रयागराज की विशेष अदालत में शिफ्ट हो गए। हालांकि दोनों मुकदमों की स्थिति आज भी पहले जैसी ही है। अब अभियोजन नए सिरे से मुकदमों की सुनवाई की तैयारी कर रहा है। पेंच इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अभियोजन ने उस समय दिए गए सहमति प्रार्थना पत्र को नॉट प्रेस (बलहीन या वापस) कर दिया तो मुकदमे वापस नहीं हो सकेंगे।

इनकी भी सुनिए

-मुकदमा वापसी की प्रक्रिया पूर्ण हो गई थी। काफी समय तक अदालत के रिक्त होने के चलते मुकदमा वापस नहीं हो सका। सुनवाई फिर शुरू हुई है तो अब मुकदमा वापस हो जाएगा। -अमिताभ बाजपेयी, विधायक 

-बुधवार को इस मामले में सुनवाई है। शासन के निर्देश पर मुकदमा वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दूसरे पक्ष को भी कोई आपत्ति नहीं थी। संभवत: मुकदमा वापस हो जाना चाहिए। -हाजी इरफान सोलंकी, विधायक

-दोनों मुकदमों में अभियोजन ने वापसी की रिपोर्ट दे दी थी। नए सिरे से पत्रावलियों का परीक्षण किया जाएगा। विधि अनुसार कार्रवाई होगी। अभियोजन किसी भी समय और किसी भी स्तर पर अपने प्रार्थना पत्र को नॉट प्रेस कर सकता है। -दिलीप कुमार अवस्थी, जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी


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