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हड़ताल है ! कहकर एलएलआर अस्पताल से जेआर ने लौटाए मरीज, कानपुर देहात के युवक ने तोड़ा दम

जेआर की हड़ताल से एलएलआर इमरजेंसी की व्यवस्था चरमरा गई है। कानपुर देहात के डेरापुर निवासी 47 वर्षीय आशुतोष कटियार की बाइक में ट्रक ने टक्कर मार दी थी। हेड इंजरी के साथ हाथ-पैर व सीने में गंभीर चोट आईं थीं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:01 PM (IST)
हड़ताल है ! कहकर एलएलआर अस्पताल से जेआर ने लौटाए मरीज, कानपुर देहात के युवक ने तोड़ा दम
कानपुर के एलएलआर अस्पताल की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। जूनियर रेजीडेंट (जेआर) की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल से अब जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) और उसकी इमरजेंसी के हालात बिगडऩे लगे हैं। तीन दिन से ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। अब बुधवार से एलएलआर इमरजेंसी से भी जेआर मरीजों को हड़ताल का हवाला देकर बिना देखे ही लौटाते रहे। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी व कर्मचारी मरीजों को रोकने के लिए प्रयासरत रहे। डाक्टर की वजह से इलाज न मिलने पर गंभीर मरीजों को उनके स्वजन अस्पताल से लेकर जाने लगे। हड़ताल के 12वें दिन इमरजेंसी के बाहर धरने पर डटे रहे। ऐसे में कानपुर देहात से आए गंभीर रूप से घायल युवक को सुबह लौटा दिया। स्वजन निजी अस्पताल ले जाते तब तक उसकी सांसें थम गईं। स्वजन ने इलाज न मिलने से मौत का आरोप लगाया है।

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जेआर की हड़ताल से एलएलआर इमरजेंसी की व्यवस्था चरमरा गई है। कानपुर देहात के डेरापुर निवासी 47 वर्षीय आशुतोष कटियार की बाइक में ट्रक ने टक्कर मार दी थी। हेड इंजरी के साथ हाथ-पैर व सीने में गंभीर चोट आईं थीं। उन्हें माती स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गंभीर स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने रात में वहां से एलएलआर के लिए रेफर कर दिया था। बुधवार भोर उनके स्वजन इमरजेंसी लेकर आए थे। उनके बड़े भाई राधे ने बताया कि डाक्टरों ने हड़ताल का हवाला देते हुए निजी अस्पताल लेकर जाने की सलाह दे दी। दो दिन से इलाज न मिलने पर उनकी हालत बिगड़ती चली गई। जब एलएलआर के डाक्टरों ने इलाज से मना कर दिया तो नर्सिंग होम लेकर जा रहे थे। इसी दौरान सांसें थम गईं। उनका आरोप है कि अगर एलएलआर के डाक्टर भर्ती कर लेते तो जान बच सकती थी। 

डाक्टर की हड़ताल पर मरीज लेकर भागे: फतेहपुर के बिंदकी निवासी 19 वर्षीय शालू को लेकर स्वजन आए थे। उनके पति विजय कुमार ने बताया कि सिर में दर्द, बुखार और चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है। इमरजेंसी में लेकर गए तो भर्ती नहीं किया। बाहर निकाल दिया। अस्पताल के पीआरओ उसे भर्ती कराने के लिए अंदर लेकर गए। जब वहां डाक्टरों ने हड़ताल की बात बताई तो मरीज को गोद में लेकर बाहर आ गए। इसी तरह कानपुर देहात के रसूलाबाद निवासी योगेश यादव की पसली में चोट लगी है। उनके साथ आई पत्नी प्रेमवती इलाज के लिए भटक रही थीं। डाक्टरों ने इमरजेंसी से बाहर निकाल दिया। वहीं, औरैया के बिधूना निवासी बुजुर्ग बच्चू लाल की किडनी खराब होने पर यहां लेकर आए थे। भर्ती करने से इन्कार पर घर लेकर चले गए। फतेहपुर के अमौली से आए अमौली निवासी जहिर अली के पेशाब में रुकावट है। सुबह से भटक रहे थे। डाक्टर ने आपरेशन के लिए बोला है, लेकिन डाक्टरों ने बाहर निकाल दिया। 

इनका ये है कहना : 

हड़ताल से उत्पन्न स्थितियों को लेकर प्राचार्य के साथ मंथन किया जा रहा है। क्लीनिकल विभागों के विभागाध्यक्ष एवं फैकल्टी को अपने-अपने विभाग में राउंड लेने और सजगता बरतने के निर्देश दिए हैं। ओपीडी सेवाएं बाधित है, जबकि इमरजेंसी चल रही है। जेआर से भी सहयोग करने के लिए कहा गया है।  - प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर अस्पताल। 


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