पुलिस की सक्रियता को चुनौती देकर कानपुर में खूब पनप रहा सट्टा कारोबार, एप के जरिए इस तरह होती बुकिंग
पिछले वर्ष आइपीएल सीजन के दौरान और उसके बाद पुलिस ने सटोरियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। सितंबर व अक्टूबर में जयपुर में बैठे सट्टा किंग सोनू सरदार और उसके सात साथियों के खिलाफ शिकंजा कसकर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की थी
कानपुर, जेएनएन। आइपीएल सीजन शुरू होने के बाद फिर से सट्टा बाजार में लाखों रुपये के दांव हर रोज लग रहे हैं, लेकिन पुलिस इन सटोरियों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। सूत्रों के मुताबिक सटोरियों ने इस बार अपने ठिकाने व मोबाइल नंबरों के साथ ही बुकिंग का तरीका भी बदल दिया है। अब वाट्सएप पर मैसेज या फोन करने की बजाए सीधे सट्टे की वेबसाइट से मैसेजों का आदान प्रदान हो रहा है।
पिछले वर्ष आइपीएल सीजन के दौरान और उसके बाद पुलिस ने सटोरियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। सितंबर व अक्टूबर में जयपुर में बैठे सट्टा किंग सोनू सरदार और उसके सात साथियों के खिलाफ शिकंजा कसकर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की थी। छापे के दौरान आरोपितों से करीब 94 लाख रुपये बरामद हुए थे। इसके बाद फिर कल्याणपुर व काकादेव में छापा मारकर लाखों रुपये के साथ सटोरियों को पकड़ा गया। नेपाल से सट्टा लगवाने वाले राजा यादव व उसके दो साथियों को भी पुलिस ने बिठूर व स्वरूपनगर स्थित दो अपार्टमेंट से गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
उनके पास भी लाखों रुपये बरामद हुए थे। इसके बाद टीम ने रायपुरवा, नौबस्ता व गोविंदनगर में छापा मारकर दो करोड़ रुपये का सट्टा पकड़ा था। इन ताबड़तोड़ कार्रवाई के बावजूद सट्टेबाजी पर लगाम नहीं लग सकी है। सूत्रों के मुताबिक अब सट्टेबाजी के एप व वेबसाइट तमाम छोटे सटोरियों तक पहुंच गए हैं। वह भी कम पैसे पर आइडी व पासवर्ड खरीद रहे हैं और गली मोहल्लों में सट्टे का दांव लगवा रहे हैं। खास बात ये है कि दांव लगाने के दौरान न तो वाट्सएप का इस्तेमाल होता है और न ही फोन कॉल का। सट्टे के एप पर ही कॉलिंग व मैसेज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस अब तक इन सटोरियों पर शिकंजा नहीं कस पाई है।