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कानपुर में तत्कालीन डीएम और एडीएम के हस्ताक्षर का मिलान कराएगी एसआइटी, जानें - क्या है पूरा मामला

आठ हजार से अधिक असलहा लाइसेंस को संदिग्ध मान रही है एसआइटी। अधूरे कागजात के साथ कैसे स्वीकृत हुईं फाइलें अफसरों से मांगा जाएगा जवाब। जब ये फाइलें स्वीकृत हुईं थीं उस समय तैनात रहे डीएम व एडीएम से एसआइटी जानेगी कि उनके हस्ताक्षर हैं या नहीं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 07:35 PM (IST)
कानपुर में तत्कालीन डीएम और एडीएम के हस्ताक्षर का मिलान कराएगी एसआइटी, जानें - क्या है पूरा मामला
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का सांकेतिक चित्र।

कानपुर, जेएनएन। असलहा लाइसेंस जारी करने मेंं हुई गड़बडिय़ों की जांच की आंच कई आइएएस व पीसीएस अफसरों तक पहुंच सकती है। असलहा अनुभाग में तैनात कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है। पहले चरण में लाइसेंस की फाइलों के सत्यापन का कार्य पूरा कर चुकी एसआइटी अब यहां तैनात रहे डीएम, एडीएम सिटी व एडीएम वित्त और सिटी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर का मिलान कराने की तैयारी में है। उन्हें नोटिस देकर एसआइटी कार्यालय बुलाएगी और फिर फाइलों पर हस्ताक्षर के मिलान कराएगी। जिन फाइलों में कागजात अधूरे थे, उन्हें कैसे स्वीकृत कर दिया गया, यह अफसरों को बताना होगा। एसआइटी आठ हजार से अधिक लाइसेंसों को संदिग्ध मान रही है।  

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एसआइटी करेगी गहनात से जांच और पूछेगी सवाल 

असलहा लाइसेंस के सत्यापन के दौरान ही यह पता चला है कि दो हजार से अधिक फाइलों में स्वीकृति या अनुमोदित शब्द नहीं लिखा है, जबकि तत्कालीन जिलाधिकारियों के हस्ताक्षर फाइल पर हैंं। एसआइटी तत्कालीन जिलाधिकारियों से स्वीकृत या अनुमोदित न लिखने के पीछे उनकी मंशा जानना चाहेगी। जिन अधिकारियों ने लाइसेंस का नवीनीकरण किया, उनसे भी जानने का प्रयास करेगी कि जब स्वीकृत या अनुमोदित नहीं लिखा था तो नवीनीकरण क्यों किया गया? इन फाइलों पर आपत्ति क्यों नहीं जताई गई? इसी तरह तीन हजार से अधिक फाइलों पर हस्ताक्षर किसके हैं? यह पता नहीं चल रहा है। जब ये फाइलें स्वीकृत हुईं थीं, उस समय तैनात रहे डीएम व एडीएम से एसआइटी जानेगी कि उनके हस्ताक्षर हैं या नहीं। अगर हैं तो पदनाम लिखना मुनासिब क्यों नहीं समझा? एसआइटी फाइलों को स्वीकृत करने वाले एडीएम, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट को बुलाकर सवाल करेगी कि उन्होंने बिना अधिकार के कैसे और किसके दबाव में लाइसेंस स्वीकृत किया। अगर डीएम ने अनुमति दी थी तो फाइलों में इसका उल्लेख क्यों नहीं है, यह बताना होगा। अगर वे साक्ष्य नहीं देते हैं तो एसआइटी उनके विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति भी कर सकती है। एसआइटी यह भी जांचने की कोशिश कर रही है कि कहीं किसी अपराधी का लाइसेंस तो स्वीकृत नहीं किया गया है।


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