किसानों के समर्थन में सपाइयों ने रखा उपवास
जासं कानपुर किसानों के समर्थन में सपाइयों ने घंटाघर चौराहे पर स्थित चौधरी चरण सिंह प्रतिमा के पास उपवास रखा।
जासं, कानपुर : किसानों के समर्थन में सपाइयों ने घंटाघर चौराहे पर स्थित चौधरी चरण सिंह प्रतिमा स्थल पर उपवास रखा। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर डॉ. इमरान ने अपने साथियों के साथ माल्यार्पण कर किया। इस दौरान उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए उसे किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि उपवास 24 घंटे चलेगा। इस अवसर पर विधायक अमिताभ बाजपेई, नगर महासचिव अभिषेक गुप्ता, ओम प्रकाश मिश्रा, चंद्रेश सिंह, श्रेष्ठ गुप्ता, कुतुबुद्दीन मंसूरी, पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, सुरेश गुप्ता, सम्राट विकास यादव, अजय यादव, दिलशाद खान, नरेंद्र सिंह, उदय द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
शहरकाजी को लेकर बढ़ी तकरार, उलमा दो खेमों में
जागरण संवाददाता, कानपुर : नए शहरकाजी को लेकर उलमा दो खेमों में बंट गए हैं। एक खेमे ने नए शहरकाजी को मानने से इंकार कर दिया है, वहीं दूसरे खेमे ने पहले बनाए गए शहर काजियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तंजीम उलमा अहले सुन्नत की ओर से बुलाई गई उलमा का बैठक में रविवार को मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी को शहरकाजी चुना गया था। पहले से शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती ने इस पर नाराजगी जताई। उलमा के दूसरे खेमे ने शहर काजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी को यह कहते हुए शहरकाजी मानने से इंकार कर दिया कि शहरकाजी बनाने का हक बरेलवी विचारधारा के मुस्लिमों के मरकज बरेली शरीफ के काजी उल कुज्जात (चीफ काजी) को है। इसके बाद आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल ने नए शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी का पक्ष लेते हुए कहा है कि अगर शहर काजी बनाने का अधिकार काजी उल कुज्जात को है तो पिछले सभी शहर काजियों को इस्तीफा दे देना चाहिए। काउंसिल की मस्जिद नानपारा में हुई बैठक में महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि बरेलवी विचारधारा के तीनों शहर काजियों की घोषणा पहले हुई थी बाद में बरेली शरीफ से एक शहरकाजी की तस्दीक हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे तो पूरे देश में सभी शहरकाजियों को इस्तीफा देना चाहिए। मारहरा शरीफ व किछौछा शरीफ खानकाहों के सज्जादानशीनों के संरक्षण व काजी उल कुज्जात के नेतृत्व में एक शहरकाजी व एक मुफ्ती ए आजम की घोषणा की जाए। बैठक में मौलाना अब्दुल रहीम कादरी, कारी मोहम्मद नासिर, मौलाना अजमेरुद्दीन, हाजी रिजवान आदि रहे।