करोड़ों रुपये के ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों के लिए जगह नहीं, नगर निगम से जगह के लिए मांगी सहायता
बोर्ड की ओर से विज्ञान भी जारी किए गए लेकिन स्टेशन स्थापित करने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इन स्टेशनों में सीपीसीबी की ओर से ही सारी मशीनें लगाई जानी है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जगह चिह्नित करेगा मौका मुआयना कर स्टेशन के निर्माण के लिए जगह फाइनल करेंगे
कानपुर, जेएनएन। वायु प्रदूषण चरम पर है, लेकिन उसके सटीक आकलन करने वाली करोड़ों रुपये की ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन की स्थापना के लिए जगह ही नहीं मिल पा रही है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम से सहायता मांगी है। शहर में अतिसूक्ष्म तत्व और हानिकारक गैसों के बढ़ते घनत्व को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पांच एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन को मंजूरी दी थी। इन्हेंं आइआइटी, नवाबगंज, सिविल लाइंस, चकेरी और दादा नगर क्षेत्र की ओर लगना था।
बोर्ड की ओर से विज्ञान भी जारी किए गए, लेकिन स्टेशन स्थापित करने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इन स्टेशनों में सीपीसीबी की ओर से ही सारी मशीनें लगाई जानी है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जगह चिह्नित करेगा, जबकि सीपीसीबी के अधिकारी मौका मुआयना कर स्टेशन के निर्माण के लिए जगह फाइनल करेंगे।
वहीं दूसरी ओर से शहर में केवल एक ही मॉनीटरिंग स्टेशन से हवा की गुणवत्ता का आकलन किया जा रहा है, जो कि नेहरू नगर में है। यहां से हर घंटे में वायु प्रदूषण के स्थिति का पता चलता है, जबकि पीएम 2.5, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, ओजोन समेत अन्य गैस शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आठ मैनुअल मॉनीटरिंग स्टेशन हैं, जहां से महीने में एक बार वायु गुणवत्ता सूचकांक पता चलता है। क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि नगर आयुक्त से बातचीत हुई है। उन्होंने जगह दिलवाने का आश्वान दिया है।