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मा बनने में बड़ी बाधा बन रहा धूप से परहेज

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हालिया शोध में सामने आया चौंकाने वाला तथ्य, विटामिन डी की डोज देने पर 30 फीसद में दिखे सकारात्मक परिणाम।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 02:35 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 02:35 PM (IST)
मा बनने में बड़ी बाधा बन रहा धूप से परहेज
मा बनने में बड़ी बाधा बन रहा धूप से परहेज

शशाक शेखर भारद्वाज, कानपुर : मातृत्व कुदरत से मिला सबसे सुखद और खूबसूरत अहसास है। धूप से परहेज इस सुख में बड़ी बाधा बन रहा है। यह चौंकाने वाला तथ्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज के हालिया शोध में सामने आया है। स्त्री रोग विभाग की ओर से 80 ऐसी महिलाओं को चुना गया, जिन्हें गर्भ न ठहरने की समस्या थी। शोध में सामान्य गृहणियों से अधिक वह कामकाजी महिलाएं हैं, जो सुबह जल्दी घर से निकल जाती हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद घर लौटती हैं। इनके शरीर के रक्त में विटामिन डी की मात्रा 15 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम थी। ये सभी महिलाएं घर से कम निकलती थीं। इन्हें विटामिन डी की निर्धारित डोज दी गई तो 30 फीसद में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. किरण पांडेय कहती है कि धूप से परहेज पर विटामिन डी की कमी होती है, जिससे बाझपन की समस्या हो सकती है। विटामिन डी से इनफर्टिलिटी और पीसीओएस पर शोध अभी चल रहा है। - - - - - - - - - - - - -

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तीन तरह की होती है जाच

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता आर्या के मुताबिक इनफर्टिलिटी की समस्या पर महिलाओं की तीन प्रमुख जाच होती हैं। इसमें अंडा न बनना, ट्यूब ब्लॉकेज और पति की जाचें शामिल हैं। समस्या पता न चलने पर हामरेंस की जाच होती है। इसके बाद टीबी, कैंसर या अन्य बीमारियों के बारे में पता किया जाता है। नतीजा न निकलने पर अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी (अस्पष्ट बाझपन) कहलाता है। - - - - - - - - - - - - - - -

ओपीडी में आ रहे कई केस

मेडिकल कालेज से संबद्ध अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन तकरीबन 25 केस बाझपन संबंधी आ रहे हैं। इनमें से 8 से 12 नए मामले होते हैं। - - - - - - - - - - - - - - -

विटामिन डी का लेवल 20 से ऊपर जरूरी

शरीर में विटामिन डी का लेवल 20 से 50 नैनोग्राम्स प्रति मिली लीटर होना चाहिए। धूप में कुछ समय रहने पर शरीर अपने आप ही विटामिन डी का निर्माण कर लेता है। शोध में महिलाओं के खून की जाच हुई। उसमें एंटी मुलेरियन हार्मोन (एएमएच) मानक से कम मिला। मानक (1.5 से 4) नैनोग्राम प्रति मिली लीटर होता है। - - - - - - - - - - - - - - -

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम पर हो रहा शोध

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) पर शोध जारी है। किशोरियों और महिलाओं में विटामिन डी की कमी से माहवारी की समस्या की जाच की जाएगी। मुहासे, चेहरे पर बाल और हार्मोन के बढ़े हुए स्तर के कारणों पड़ताल होगी। - - - - - - - - - - - - - - -

विटामिन डी से ठीक होती ओवुलेशन प्रक्रिया

विटामिन डी की कमी से बायोकेमिकल चेंजेज (जैव रासायनिक परिवर्तन) हो जाते हैं। जिसकी वजह से बच्चेदानी में ओवुलेशन प्रक्रिया नहीं हो पाती है। कुछ महिलाओं में अंडे सही से पैदा नहीं होते हैं जिस कारण अंडों का स्पर्म से सही तरह से मिलन नहीं होता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ के मुताबिक विटामिन डी की डोज से ओवुलेशन प्रक्रिया काफी हद तक सही हो जाती है। कई महिलाओं में बेहतर परिणाम सामने आए हैं।


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