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दिव्यांग भी बना देता है ब्रेन स्ट्रोक, इससे बचना है तो बदलें जीवनशैली और खानपान Kanpur News

जागरण के हैलो डॉक्टर में आए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. मनीष सिंह ने ब्रेन स्ट्रोक से बचाव व इसके लक्षणों की बारे में दी जानकारी।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 10:30 AM (IST)
दिव्यांग भी बना देता है ब्रेन स्ट्रोक, इससे बचना है तो बदलें जीवनशैली और खानपान Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। ब्रेन स्ट्रोक से हर साल विश्व में पांच मिलियन लोगों की मौत होती है। समय से इलाज न मिलने से 6.2 मिलियन दिव्यांगता के साथ जीवन जीने को मजबूर होते हैं। बुजुर्गों की मौत की यह दूसरी सबसे बड़ी वजह है। किशोर, युवाओं से लेकर बुजुर्गों (15-59 वर्ष आयु वर्ग) की मौत का पांचवां प्रमुख कारण भी यही है। सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़ गए हैं, इसलिए अपनी जीवनशैली बदलें और खानपान में सुधार करें। शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं और एहतियात के साथ ठंड का लुत्फ उठाएं। ये बातें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बुधवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कहीं। पेश हैं उसके अंश।

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सवाल : ब्रेन स्ट्रोक सर्दियों में होता है या हर मौसम में। -इंदरजीत सिंह, गुमटी नंबर पांच।

जवाब : हर मौसम में होता है। सर्दियों में खतरा 30 फीसद तक बढ़ जाता है।

सवाल : ब्रेन स्ट्रोक कैसे पड़ता है, इससे कैसे बचें। -गुरमीत सिंह, रतनलाल नगर।

जवाब : सर्दियों में शरीर में पानी की कमी से खून गाढ़ा हो जाता है। इससे खून का थक्का बनने से स्ट्रोक पड़ता है। ठंड में रक्त नलिकाएं सिकुडऩे के कारण ब्लड प्रेशर (बीपी) बढऩे से भी स्ट्रोक पड़ता है। बीपी, शुगर व कोलेस्ट्राल की नियमित जांच कराएं। डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेते रहें।

सवाल : ब्रेन हेमरेज क्या है, इलाज बताएं। -जय प्रकाश तिवारी, बर्रा-एक।

जवाब : दिमाग की खून की नलियां फटने तथा दिमाग की रक्त नलियों में कमजोरी से रक्तस्राव होना ब्रेन हेमरेज है। हेमरेज होने पर तुरंत सुविधायुक्त अस्पताल जाएं। सीटी स्कैन कराएं। थक्का छोटा होने पर दवाएं चलती हैं, बड़ा होने पर ऑपरेशन ही विकल्प है।

सवाल : अक्सर चक्कर आते हैं। -जीपी लाल, गंगापुर कॉलोनी।

जवाब : चक्कर आने के कई कारण होते हैं। इसकी वजह ब्रेन स्ट्रोक भी है। कई बार हार्ट, कान तथा गले की हड्डी में दिक्कत से भी चक्कर आते हैं।

सवाल : शुगर एवं हाई बीपी की समस्या है। -अलका द्विवेदी, बर्रा-8

जवाब : यह रिस्क फैक्टर है। नियमित बीपी-शुगर की जांच कराएं। दवाएं लेती रहें।

सवाल : 58 वर्ष की उम्र में बीपी-शुगर से पीडि़त हैं, स्ट्रोक से कैसे बचें। -अशोक तिवारी, शुक्लागंज।

जवाब : ठंड से बचें। बीपी-शुगर की नियमित जांच कराएं। समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाकर दवाओं की मात्रा निर्धारित कराएं।

सवाल : शुगर-हार्ट से पीडि़त पत्नी के सिर में दर्द रहता है। -अनिल कुमार प्रधान, कल्याणपुर।

जवाब : हाई बीपी से सिर दर्द हो सकता है। लगातार दर्द रहने पर डॉक्टर को दिखाएं। बीपी 140/90 से अधिक नहीं होना चाहिए।

सवाल : ब्रेन स्ट्रोक किस उम्र में अधिक होता है। -संत मिश्रा, अफीम कोठी।

जवाब : बुजुर्गों (60 वर्ष से ऊपर) में अधिक होता है। ठंड से बुजुर्गों को बचाएं। धूप निकलने पर टहलने जाने दें। नियमित चेकअप कराते रहें।

सवाल : ब्रेन में थक्का है, क्या कोई दिक्कत हो सकती है। -प्रदीप बाजपेई, विनायकपुर।

जवाब : जिन्हें पहले ब्रेन स्ट्रोक पड़ चुका है, सर्दियों में वह हाई रिस्क पर होते हैं। इसलिए एहतियात बरतें।

सवाल : ब्रेन स्ट्रोक पहचानने को कौन सी जांच कराएं। -डॉ. प्रतिभा सिंह, मेडिकल कॉलेज कैंपस।

जवाब : सीटी-एमआरआइ दोनों जांच करा सकती हैं। स्चीमिया स्ट्रोक में खून के थक्के दिमाग की नलियों में फंसने से दिमाग का हिस्सा क्षतिगस्त हो जाता है। ये स्ट्रोक पडऩे पर 24 घंटे तक सीटी स्कैन में नहीं दिखाई पड़ता, ऐसे में एमआरआइ जांच कारगर होती है।

ब्रेन स्ट्रोक को कैसे पहचानें

हाथ-पैर में अचानक कमजोरी, चेहरे में टेढ़ापन, अंगों में शून्यता, आंखों से कम दिखना, बोली में लड़खड़ाहट और सिर में भीषण दर्द के साथ बेहोशी आना। इन लक्षणों को पहचान कर फौरन हॉस्पिटल जाएं, जहां सीटी व एमआरआइ जांच की सुविधा हो।


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