ब्लैक एंड व्हाइट से आज के दिन रंगीन हुआ था Television, जानें-रंगीन टीवी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
आइआइटी कानपुर में इंडो-अमेरिकन (केआइए) प्रोग्राम के तहत 1965 में पहला टेलीविजन आया था।
कानपुर, [बृजेश दुबे]। बक्से में बंद चलती-फिरती दुनिया के पात्र जब काले-सफेद घेरे से निकलकर रंगीन दुनिया में आए तो यह अचंभा ही था। केवल सिनेमाहाल में ही रंगीन फिल्म देखने वालों को जब इस बक्से में दिखने वाले काले-गोरे चेहरे गेहुएं, सांवले और ललछहूं दिखने लगे तो उनके सामने नई दुनिया जीवंत हो उठी। पहली बार चलती फिरती रंगीन दुनिया। यह दिन था, 25 अप्रैल 1982, जब दूरदर्शन ने पहली बार रंगीन प्रसारण शुरू किया। नवें एशियाई खेलों का रंगीन प्रसारण शुरू करने के लिए भारत सरकार ने यह कदम उठाया था।
जेके समूह ने 1968 में बनाया था ब्लैक एंड व्हाइट टीवी
इस अचंभे को जीवंत करने में कानपुर ने भी खासी मेहनत की। कानपुर इंडो-अमेरिकन (केआइए) प्रोग्राम के तहत 1965 में आइआइटी में पहला टेलीविजन आया और चला। इसी प्रोग्राम के तहत जेके समूह ने वर्ष 1968 में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी बनाया। हालांकि कुछ लोग इसे पहला स्वदेशी टीवी बताते हैं तो कुछ लोग इसी समयकाल में आने वाले टेलीविस्टा टीवी को। इंप्लायर्स एसोसिएशन ऑफ नार्दन इंडिया के चेयरमैन ललित खन्ना कहते हैं, देखने के महज तीन साल में कानपुर ने टीवी का उत्पादन शुरू कर दिया था।
ग्रीनपार्क से मैच का दूरदर्शन पर हुआ पहला टीवी प्रसारण
वर्ष 1973 में ग्रीनपार्क में हो रहे भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच का आइआइटी ने दूरदर्शन के लिए पहला सीधा प्रसारण किया था। इसके बाद उप्र सरकार ने टीवी निर्माण के लिए वर्ष 1976 में अपट्रॉन इंडिया लिमिटेड की स्थापना की और कानपुर को टीवी हब बनाने के लिए पनकी में अपट्रॉन एस्टेट बना दिया। अपट्रॉन की ब्लैक एंड व्हाइट व रंगीन टीवी के डायोड, ट्रांजिस्टर, डिफ्लेक्शन क्वायल, एंटीना और बूस्टर खूब बनते थे। उद्यमी राजकुमार अग्रवाल बताते हैं कि यहां ब्लैक एंड व्हाइट टीवी की पिक्चर ट्यूब भी बनती थी। कई इकाइयां भी लगीं। हालांकि यह दौर लंबे समय तक नहीं रहा लेकिन टीवी के विकास में कानपुर ने पूरा योगदान दिया।
देश के चुनिंदा सात शहरों में था कानपुर
15 सितंबर 1959 को सबसे पहले दिल्ली में टेलीविजन का प्रसारण हुआ। यहां से मुंबई व अमृतसर पहुंचने में इसे 13 वर्ष लग गए। 1972 में मिली इस उपलब्धि के बाद वर्ष 1975 तक कानपुर, लखनऊ, कोलकाता और चेन्नई भी टीवी प्रसारण वाले शहरों में शामिल हो गए। 25 अप्रैल को दिल्ली में रंगीन प्रसारण के साथ पूरे देश में ब्लैक एंड व्हाइट प्रसारण शुरू हुआ। 15 अगस्त 1982 को देश में पहली बार रंगीन प्रसारण सेवा शुरू हुई और लाल किले से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भाषण का सजीव प्रसारण हुआ।
टीवी ने जिताई थी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता
जीएसवीएम के नेत्र रोग के सेवानिवृत विभागाध्यक्ष डॉ. एएम जैन बताते हैं कि मुङो और मेरी पत्नी रिटायर्ड प्रोफेसर नीता जैन को टीवी देखने और फैंसी ड्रेस में भाग लेने का बहुत शौक था। ओनिडा टीवी के डेमन मैन को देख हम वर्ष 1982 में डेमन कपल बने और जीत गए। डॉ. नीता कहती हैं, टीवी के शौक के कारण पापा ने वर्ष 1978 में हमें टीवी दिया। सीमेंट कारपोरेशन से सेवानिवृत 83 वर्षीय इंजीनियर धर्मवीर कुशवाहा कहते हैं कि वर्ष 1974-75 में पहली बार जर्मनी में टीवी देखा। भारत लौटे तो 1976 में अपट्रान का ब्लैक एंड व्हाइट टीवी खरीदा और 1982 में रंगीन। दोनों अभी भी मेरे पास हैं।
पुरानी वस्तुओं के शौकीन तेजवीर सिंह जौहर बताते हैं, पहली बार वर्ष 1967 में दिल्ली में टीवी देखा। वर्ष 1974 में पहला टीवी खरीदा था, 4200 रुपये का। बुधवार को चित्रहार, रविवार को फिल्म देखने के लिए पूरा मोहल्ला जुटता था और सब साथ मिलकर देखते थे। आइआइए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य बताते हैं कि वर्ष 1976 में कानपुर में लखनऊ से चैनल चार पर कार्यक्रम प्रसारित होते थे। कानपुर के कार्यक्रम चैनल पांच पर आते थे और अकरमपुर टॉवर यानी मगरवारा ट्रांसमिशन सेंटर से प्रसारित होते थे।