कानपुर में दिव्यांग कौशल विकास के तीन प्रशिक्षण कोर्स बंद, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को लिखा गया पत्र
गोविंद नगर में नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआइ) परिसर में नेशनल करियर सर्विस सेंटर फॉर डिफ्रेंटली ऐबल्ड में दिव्यांगजनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ड्रेस मेकिंग कटिंग टेलरिंग ऑफिस मैनेजमेंट रेडियो-टीवी निर्माण कारपेंटरी का प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्थान के सहायक निदेशक ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को पत्र लिखा है।
कानपुर, जेएनएन। दिव्यांगों के कौशल विकास के लिए निश्शुल्क संचालित किए जा रहे प्रशिक्षण पर संकट छा गया है। वोकेशनल रिहेबिलेशन सेंटर (वीआरसी) अब नेशनल करियर सर्विस सेंटर फॉर डिफ्रेंटली ऐबल्ड में पिछले एक साल से तीन कोर्स बंद हैं। यह समस्या प्रशिक्षकों के न होने से हुई है। छात्रावास है, लेकिन महिला वार्डन न होने से महिला प्रशिक्षुओं को आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। संस्थान के सहायक निदेशक ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को स्टाफ की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा है।
गोविंद नगर में नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआइ) परिसर में नेशनल करियर सर्विस सेंटर फॉर डिफ्रेंटली ऐबल्ड में दिव्यांगजनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक, ड्रेस मेकिंग, कटिंग टेलरिंग, ऑफिस मैनेजमेंट, रेडियो-टीवी निर्माण, कारपेंटरी का प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरूआत से पहले इलेक्ट्रॉनिक, ऑफिस मैनेजमेंट ओर कारपेंटरी का प्रशिक्षण ठप हो गया। इस साल तो इनमें दाखिले तक नहीं हुए। करीब डेढ़ दर्जन छात्रों ने ड्रेस मेकिंग, कटिंग टेलरिंग और रेडिया-टीवी निर्माण कोर्स में दाखिला लिया है। इनकी अवधि एक वर्ष की रहती है। सहायक निदेशक परवेज आलम ने बताया कि प्रशिक्षकों के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। जल्द ही इनमें नियुक्ति होने की उम्मीद है।
नहीं लगा जॉब मेला: संस्थान में हर साल जॉब मेला लगता है। कंपनियां प्रशिक्षुओं को नौकरी के अवसर प्रदान करतीं हैं, लेकिन पिछले एक वर्ष से जॉब मेला नहीं लगा है। कुछ कंपनियों से बातचीत चल रही है। एलिम्को और एचएएल की ओर से सहयोग मिल रहा है।
छात्रावास में नहीं बनता खाना: छात्रावास में मेस की सुविधा नहीं है। प्रशिक्षुओं को एनएसटीआइ की मेस से खाना लाना पड़ता है। कुछ दिव्यांगों का भोजन उनके छात्रावास में भेज दिया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि मेस की सुविधा भी जल्द शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।