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छह माह बीते, यूपीएमएससी से हैलट नहीं आईं दवाएं

जासं कानपुर वित्तीय वर्ष के छह माह बीतने के बाद भी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन छह माह से हैलट में दवाओं की सप्लाई नहीं कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 01:03 AM (IST)
छह माह बीते, यूपीएमएससी से हैलट नहीं आईं दवाएं
छह माह बीते, यूपीएमएससी से हैलट नहीं आईं दवाएं

जासं, कानपुर : वित्तीय वर्ष के छह माह बीतने के बाद भी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन (यूपीएमएससी) से हैलट अस्पताल में एक भी दवा की आपूर्ति नहीं की गई है। कोविड के साथ-साथ नॉन कोविड का इलाज शुरू होने पर दवाओं की खपत बढ़ गई है। इसलिए, अस्पताल प्रशासन ने अपने हिस्से की दवा आपूर्ति करने के लिए यूपीएमएससी को पत्र लिखा है।

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चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से दवा आपूर्ति की नई व्यवस्था राजकीय मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में लागू की है। इसमें औषधि रसायन मद के बजट का 80 फीसद यूपीएमएससी और 20 फीसद दवा खरीद मेडिकल कॉलेज स्थानीय स्तर पर रेट कांट्रेक्ट के आधार पर करेगा। इसके लिए यूपीएमएससी ने 750 जरूरी दवाओं की सूची भेजी और साल भर की खपत का विवरण भी ले लिया। उसके हिसाब से अस्पताल प्रशासन ने ऑडर भी दे दिए।

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40 फीसद बजट खत्म

हैलट में औषधि रसायन मद में 13 करोड़ 10 लाख रुपये मिले हैं। इस बजट से दवा, ऑक्सीजन एवं रीएजेंट (रसायन) की खरीद होती है। अगस्त तक कॉलेज प्रशासन अपने हिस्से का 20 फीसद बजट खर्च कर चुका था। जब दवाओं की आपूर्ति नहीं हुई तो समस्या से शासन को अवगत कराया। इस पर अस्पताल प्रशासन को 40 फीसद खर्च की अनुमति प्रदान कर दी गई, अब वह भी खर्च हो चुका है।

ऑक्सीजन की खपत से बढ़ा लोड

कोरोना की वजह से ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। हर माह ऑक्सीजन पर 50 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। कुल बजट का 5 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च की अनुमति है। इसमें 2 करोड़ रुपये दवा एवं 3 करोड़ 30 लाख रुपये ऑक्सीजन एवं रीएजेंट पर खर्च हो चुका है।

- शासन ने 40 फीसद बजट खर्च करने की अनुमति प्रदान की थी, वह भी खत्म हो गया है। फिर से शासन एवं यूपीएमएससी को पत्र भेजा है।

- प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज


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