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इटावा की सबसे बड़ी गोशाला में भूख से तड़पकर छह गोवंश की मौत, 12 पड़े बीमार

इटावा जिले की सबसे बड़ी परौली रमाइन गोशाला में व्यवस्थाएं न होने से गोवंश की हालत खराब हो रही है। पांच माह से धन नहीं मिलने से न तो कर्मियों को वेतन मिला है और न ही गोवंश का रखरखाव हो पा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 08:54 AM (IST)
इटावा की सबसे बड़ी गोशाला में भूख से तड़पकर छह गोवंश की मौत, 12 पड़े बीमार
परौली रमाइन गोशाला में गोवंश भूख से बेहाल हैं।

इटावा, जेएनएन। बसरेहर ब्लाक की ग्राम पंचायत परौली रमाइन के गांव नगला हरी में जिले की सबसे बड़ी गोशाला में भूख से तड़प कर छह गोवंश की मौत हो गई। एक दर्जन गोवंश बीमार हैं। सोमवार सुबह यहां गोवंश के पड़े शवों के पास कुत्ते मंडराते रहे, लेकिन कर्मचारी बातों में मशगूल दिखे। 118 बीघा जमीन में बनी इस गोशाला में एक हजार से अधिक गोवंश हैं। संचालन के लिए चार-पांच माह से धन नहीं मिला है। चारा तो दूर, सूखा भूसा तक पर्याप्त मात्रा में नसीब नहीं हो रहा। वहीं, कर्मचारी गोवंश की तकलीफ को किनारे रख अपनी दिक्कतें बताते हैं कि छह माह से वेतन नहीं मिला, जिससे घर चलाना मुश्किल है।

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पशु चिकित्साधिकारी डा. नरेश कुमार कहते हैं, उन्हें गोवंश के मरने की जानकारी नहीं है। गोशाला के कर्मचारियों की बातों पर यकीन करें तो पशु चिकित्साधिकारी गोशाला में हाजिरी रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर करके चले जाते हैं। कर्मचारी राजेंद्र सिंह, मनोज कुमार ने बताया कि जनवरी से वेतन नहीं मिला है, जिससे परिवार पालने का संकट है।

हम तो नए प्रधान हैं, ज्यादा जानकारी नहीं

ग्राम पंचायत परौली रमाइन के प्रधान पिंटू चौहान कहते हैं, वह अभी नए प्रधान बने हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। दो बार गोशाला गए तो वहां पर भूसा मिल रहा था। हरा चारा नहीं मिल रहा। गोशाला की देखरेख करने वाले संकट मोचन बाला जी मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक मनीष यादव पतरे ने बताया कि फरवरी से भुगतान नहीं मिला है। इससे परेशानी हो रही है।

ये कहना है इनका

-गोशाला में गोवंश को देखने की जिम्मेदारी पशु चिकित्साधिकारी की है। उन्हें गोवंश का इलाज करना चाहिए। मामले को दिखवाया जाएगा। -उमाकांत त्रिपाठी, प्रभारी खंड विकास अधिकारी, बसरेहर

-गोशाला की व्यवस्थाओं के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को मौके पर भेजा गया है, कमियां दुरुस्त कराकर व्यवस्था ठीक करेंगे। -सिद्धार्थ, एसडीएम सदर

-शाम को गोशाला का दौरा किया है। कुछ पशु बीमार मिले हैं। मरा हुआ पशु नहीं मिला। भूसे या चारे की कोई समस्या नहीं है। मार्च से समिति को भुगतान नहीं दिया गया है, जो जल्द ही करा दिया जाएगा। कर्मचारियों को भुगतान खंड विकास अधिकारी कार्यालय करता है। -डा. विनीत पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।


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